Delhi Elections 2024: महाराष्ट्र और झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच दिल्ली में भी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। देश की राजधानी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कसनी शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस समेत अन्य दल अपने-अपने अभियानों की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इन सबके बीच, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने टिकट बंटवारे और चुनावी रणनीति पर अहम खुलासे किए हैं।
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद पर सख्त रुख
अरविंद केजरीवाल ने आगामी चुनावों के लिए पार्टी की नीति स्पष्ट करते हुए कहा है कि टिकट केवल योग्यता, जनता की राय और जीतने की संभावना के आधार पर ही दिए जाएंगे। केजरीवाल ने कहा,
"किसी रिश्तेदार, मित्र, या परिचित को केवल संबंधों के आधार पर टिकट नहीं मिलेगा। हमारी प्राथमिकता योग्य और जनता के बीच लोकप्रिय उम्मीदवार होंगे।"
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इस बयान के जरिए केजरीवाल ने संकेत दिया है कि पार्टी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपने उम्मीदवारों का चयन करेगी।
"हम सत्य के मार्ग पर हैं"
उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान केजरीवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी आगामी चुनावों में जीत सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा,
"हमने हमेशा सत्य के मार्ग का अनुसरण किया है। हमें ईश्वर और जनता का आशीर्वाद प्राप्त है। दिल्ली की जनता हमारे कामों को पहचानती है और हमें दोबारा मौका देगी।"
केजरीवाल का यह आत्मविश्वास उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी की नीतियों पर आधारित है।
चुनाव को 'धर्म युद्ध' बताया
केजरीवाल ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को 'धर्म युद्ध' करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) हर कीमत पर चुनाव जीतने का प्रयास करेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी जनता के समर्थन से इस लड़ाई को जीतेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,
"याद रखें, हर सीट पर चुनाव मैं खुद लड़ रहा हूं। कार्यकर्ता पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करें।"
दिल्ली में चुनावी माहौल
दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने की संभावना है, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
- AAP की तैयारी: आप सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के सामने रखने की रणनीति पर काम कर रही है।
- BJP का एजेंडा: भाजपा केंद्र की उपलब्धियों और दिल्ली में नई योजनाओं के वादे के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
- कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस, जो दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाना चाहती है, संगठन को मजबूत करने और जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने पर ध्यान दे रही है।
निष्पक्ष और स्वच्छ राजनीति पर जोर
केजरीवाल के बयान से स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी इस बार भी अपने मूल सिद्धांतों, जैसे भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और जनता की भागीदारी, पर जोर देगी। उनके टिकट बंटवारे में भाई-भतीजावाद को पूरी तरह से नकारने की बात ने कार्यकर्ताओं और जनता के बीच सकारात्मक संदेश दिया है।
आम आदमी पार्टी की चुनौतियां
दिल्ली में सत्ता में रहते हुए आप ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सेवाओं में कई सुधार किए हैं। हालांकि, उसे भाजपा की चुनावी ताकत और कांग्रेस के आधार को कमजोर करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने में अभी वक्त है, लेकिन चुनावी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी जहां अपनी नीतियों और उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएगी, वहीं भाजपा और कांग्रेस भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के चुनावों में दिल्ली की जनता किसे अपना समर्थन देती है।