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Vladimir Putin News:पुतिन की अरब में डायरेक्ट एंट्री, इजराइल को चक्रव्यूह में फंसाएगा रूस?

Vladimir Putin News: रूस पिछले कई महीने से प्रॉक्सी संगठनों की मदद कर रहा है. रूस प्रॉक्सी संगठनों को हथियार की सप्लाई कर रहा है. वहीं, सीरिया के इलाके में

Vladimir Putin News: अरब युद्ध में अब रूस की डायरेक्ट एंट्री की संभावना को लेकर कई गंभीर संकेत सामने आ रहे हैं। रूस ने सीरिया के इलाके में इजराइली सीमा के पास अपना सैन्य बेस स्थापित कर लिया है, जो पहले से ही प्रॉक्सी संगठनों के निशाने पर है। यह कदम रूस के लिए एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है, जिसके पीछे का मकसद न केवल सीरिया के युद्ध में अपनी उपस्थिति बढ़ाना है, बल्कि इजराइल के खिलाफ एक संभावित पलटवार का रास्ता खोलना भी है।

गोलन हाइट्स: विवादित और संवेदनशील इलाका

गोलन हाइट्स एक ऐसा क्षेत्र है जो हमेशा से विवादों और संघर्षों का केंद्र रहा है। यह इलाका 1967 के छह दिवसीय युद्ध में इजराइल ने सीरिया से छीन लिया था और तब से यह इजराइल के कब्जे में है। आज इस क्षेत्र में 30 से ज्यादा इजरायली बस्तियां और 25,000 यहूदी नागरिक रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित बफर जोन इसे सीरिया के नियंत्रण वाले हिस्से से अलग करता है, लेकिन प्रॉक्सी संगठन अक्सर इस क्षेत्र पर हमले करते रहते हैं, खासकर सीरिया समर्थित मिलिशिया समूह।

रूस की सैन्य तैनाती और प्रॉक्सी संगठनों को समर्थन

रूस ने जनवरी 2024 से गोलन हाइट्स के नजदीक अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ानी शुरू कर दी थी। अब रूस ने पूरी तरह से तैयार सैन्य चौकियों को स्थापित कर लिया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस की यह तैनाती न केवल सीरिया के प्रॉक्सी संगठनों को हथियारों की सप्लाई करने का एक ठोस आधार बनेगी, बल्कि इन्हें सुरक्षा भी प्रदान करेगी। इससे इजराइल के लिए इन संगठनों पर हमला करना और अधिक कठिन हो जाएगा, क्योंकि रूस की सैन्य मौजूदगी इन संगठनों को छिपने और बचाव का सुरक्षित स्थान भी प्रदान करेगी।

रूस का हथियारों की सप्लाई नेटवर्क

रूस के इस सैन्य बेस के माध्यम से प्रॉक्सी संगठनों तक हथियारों की सप्लाई करना और इन संगठनों को संरक्षण देना एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। रूस पहले ही कई महीनों से सीरिया और अन्य प्रॉक्सी संगठनों को हथियारों की सप्लाई कर रहा है, और अब रूस की सैन्य तैनाती के बाद, इन हथियारों को इस क्षेत्र में लाने और वितरित करने में आसानी होगी। इसके अलावा, रूस का सैन्य बेस प्रॉक्सी संगठनों के नेताओं को सुरक्षित ठिकाने भी प्रदान कर सकता है, जिससे इजराइल की एयरस्ट्राइक या अन्य सैन्य हमलों का सामना इन संगठनों को करना मुश्किल हो सकता है।

इजराइल और रूस के बीच संभावित टकराव

रूस की सैन्य तैनाती और प्रॉक्सी संगठनों की मदद करने का कदम इजराइल के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है। इजराइल पहले ही कई बार सीरिया में एयरस्ट्राइक करके इन प्रॉक्सी संगठनों के ठिकानों को निशाना बना चुका है, लेकिन रूस के सैन्य बेस के पास इन संगठनों का ठिकाना बनाना इजराइल के लिए हमलावर रणनीति को बेहद कठिन बना सकता है। यदि रूस और इजराइल के बीच सीधा टकराव होता है, तो यह पूरे क्षेत्र में एक नया युद्ध या संघर्ष शुरू कर सकता है।

रूस का वैश्विक दखल और मध्य-पूर्व की राजनीति

रूस की बढ़ती सैन्य तैनाती और मध्य-पूर्व में उसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह स्पष्ट हो रहा है कि पुतिन अपनी वैश्विक उपस्थिति और शक्ति को और मजबूत करना चाहते हैं। रूस के इस कदम से सीरिया और इराक में पहले से ही अस्तित्व में प्रॉक्सी संगठनों को भी एक नया सहारा मिलेगा, जिससे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए मध्य-पूर्व में अपनी स्थिति को बनाए रखना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।

निष्कर्ष

रूस का गोलन हाइट्स के नजदीक सैन्य बेस स्थापित करने का कदम न केवल सीरिया में उसकी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाएगा, बल्कि इजराइल के लिए भी एक रणनीतिक चुनौती पेश करेगा। रूस के इस कदम से प्रॉक्सी संगठनों को हथियारों और सुरक्षा की उपलब्धता के साथ-साथ एक सेफ जोन भी मिल सकता है, जो इजराइल के लिए इन संगठनों पर प्रभावी हमला करना कठिन बना सकता है। रूस की यह सक्रियता आगामी समय में मध्य-पूर्व की राजनीति और वैश्विक संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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