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Bihar Politics:जीतन राम मांझी की पार्टी ने फ्लोर टेस्ट से पहले जारी किया व्हिप, पार्टी विधायकों को मिली ये नसीहत

Bihar Politics: बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है। इससे पहले रविवार को जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने पार्टी के विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। इस व्हिप में पार्टी विधायकों को निर्देश भी दिया गया है।

Bihar Politics: इंडी गठबंधन और लालू यादव की राजद का साथ छोड़कर नीतीश कुमार ने भाजपा का दामन थाम लिया है, जिसके बाद बिहार में फ्लोर टेस्ट कराया जाना है। बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट किया जाएगा। इससे पहले बिहार की राजनीति से जुड़ी लगातार कई खबरे सामने आ रही है। कभी राजद के नेता नीतीश कुमार पर तो कभी नीतीश कुमार के नेता राजद के नेताओं पर आरोप प्रत्यारोप करते दिख रहे हैं। इस बीच अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने व्हिप जारी किया है। विधायकों को व्हिप जारी करते हुए पार्टी ने सरकार के पक्ष में मतदान करने को लेकर निर्देश जारी किया है। बता दें कि मांझी की पार्टी के कुल चार विधायक हैं।

जीतन राम मांझी की पार्टी ने जारी किया व्हिप

व्हिप जारी करते हुए पार्टी ने लिखा, दिनांक 12 फरवरी 2024 से शुरू होने वाले बिहार विधानसभा की सभी बैठकों में आरम्भ से अन्त तक उपस्थित रहने एवं सदन के अंदर वाद-विवाद, वित्तीय कार्य, विधायी कार्य एवं अन्य राजकीय कार्य के दौरान मत विभाजन की स्थिति में सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने सभी माननीय सदस्यगण बिहार विधानसभा का व्हीप जारी कर प्राप्त करा दिया गया, जिसकी प्रथि इस पत्र के साथ संलग्न है। बता दें कि इस पत्र के अंत में पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी के हस्ताक्षर भी हैं। 

नीतीश कुमार ने बुलाई बैठक

बता दें कि बीते दिनों यह खबर सामने आई थी कि लालू प्रसाद यादव ने सभी राजद विधायकों को तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर रोक रखा है। विधायकों के बैग घर से मंगवाए जा रहे हैं, जिसमें उनके कपड़े व अन्य जरूरी सामान हैं। एक तरफ जहां बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होने जा रहा है। वहीं 11 फरवरी को जेदयू ने विधानमंडल दल की मीटिंग बुलाई है, जिसमें कहा गया है कि सभी जदयू विधायक इसमें अनिवार्य रूप से शामिल हों। वहीं बिहार कांग्रेस के विधायक हैदराबाद पहुंच चुके हैं। विधायकों के टूटने की आशंका की वजह से ये फैसला लिया गया है। 

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