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Iran-Hezbollah News:हमास-हिजबुल्लाह को ईरान का धोखा! नहीं उतारेगा मदद के लिए लड़ाके

Iran-Hezbollah News: ईरान ने गाजा में हमास को और लेबनान में हिजबुल्लाह को बड़ा झटका दिया है, उसने कहा है कि वह इजराइल के खिलाफ लड़ने अपने सैनिक नहीं भेजेगा.

Iran-Hezbollah News: इजराइल ने हाल ही में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या करने के बाद दक्षिणी लेबनान में एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने सीमा पर स्थित सुरंगों पर हमला किया है और हिजबुल्लाह की संचालन क्षमता को कमजोर करने की योजना बनाई है। ये हमले इजराइल द्वारा संभावित जमीनी आक्रमण की ओर इशारा कर सकते हैं, जिसकी तैयारी इस सप्ताह के भीतर हो सकती है।

ईरान का बयान और हिजबुल्लाह को झटका

ईरान ने गाजा और लेबनान में अपने लड़ाकों को न भेजने का फैसला किया है, जिससे हिजबुल्लाह को एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' के अनुसार, ईरान ने इजराइल के खिलाफ सीधे युद्ध में शामिल होने से इनकार किया है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि वे गाजा और लेबनान में अपने सैनिक नहीं भेजेंगे, हालांकि इजराइल के किसी भी आपराधिक कृत्य का जवाब दिया जाएगा। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर अब्बास निलफोरोशान की बेरूत में इजराइली हमले में मौत हो गई, साथ ही हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह भी मारे गए।

ईरान-इजराइल के बीच बढ़ता तनाव

हिजबुल्लाह और यमनी हूती विद्रोहियों पर इजराइल के बढ़ते हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। हालांकि, ईरान ने अपने लड़ाकों को सीधे भेजने से इनकार किया है और कहा है कि हिजबुल्लाह और हमास के लड़ाके इजराइली हमलों का सामना करने में सक्षम हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि ईरान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन इससे डरता भी नहीं है।

नसरल्लाह और निलफोरोशान की मौत का असर

इजराइली हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर अब्बास निलफोरोशान की मौत को लेकर मेजर जनरल होसैन सलामी ने इसे एक ऐतिहासिक परिवर्तन करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक दुनिया के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। ईरान इस घटना के बाद पश्चिम एशिया में स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और इसका जवाब देने की तैयारी कर रहा है।

इजराइल की अगली रणनीति

इजराइल की यह कार्रवाई न केवल हिजबुल्लाह की ताकत को कमजोर करने के लिए है, बल्कि यह एक संभावित जमीनी आक्रमण की दिशा में भी संकेत करती है। इजराइल की सैन्य कार्रवाई और ईरान के बीच का तनाव आने वाले दिनों में और भी अधिक उग्र हो सकता है, जिससे पूरे मध्य पूर्व की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।

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