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India-Russia Relation:भारत-रूस की दोस्ती हुई और मजबूत, 5 साल में द्विपक्षीय व्यापार पांच गुना बढ़ा

India-Russia Relation: मैक्सिम वी.कोजलोव ने कहा कि रूस और भारत 2030 तक महत्वाकांक्षी 100 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं

India-Russia Relation: भारत और रूस के बीच दोस्ती का रिश्ता समय के साथ मजबूत होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, दोनों देशों के बीच संबंध न केवल राजनयिक स्तर पर, बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाते हैं। इसका ताजा उदाहरण इस साल के आंकड़े हैं, जो बताते हैं कि 2024 में भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब डॉलर तक पहुंच गया है—जो कि पिछले 5 साल में पांच गुना वृद्धि है। यह बढ़ती व्यापारिक साझेदारी दोनों देशों के बीच गहरे सहयोग और परस्पर विश्वास को प्रमाणित करती है।

भव्य लक्ष्य: 2030 तक 100 अरब डॉलर का व्यापार

रूस के महावाणिज्य दूत मैक्सिम वी. कोजलोव ने कोलकाता में भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स (बीसीसी) के सदस्य के साथ एक संवाद सत्र में बताया कि दोनों देश 2030 तक 100 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। यह लक्ष्य एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे व्यापार और निवेश के विविध क्षेत्रों में विस्तार से साकार किया जा सकता है। कोजलोव ने कहा, "भारत और रूस सिर्फ रणनीतिक साझेदार नहीं हैं, बल्कि हम एक-दूसरे के लिए सदाबहार मित्र हैं। हमारे संबंध आपसी विश्वास और साझा हितों पर आधारित हैं, जिससे इनकी वृद्धि स्वाभाविक और दीर्घकालिक होती है।"

विस्तारित सहयोग के प्रमुख क्षेत्र

कोजलोव ने विभिन्न क्षेत्रीय निवेश संभावनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए कई प्रमुख क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इनमें रेलवे, फार्मास्युटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), विमानन और साइबर सुरक्षा शामिल हैं। ये क्षेत्र न केवल पारंपरिक व्यापार को आगे बढ़ाते हैं बल्कि नई तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से एक समृद्ध भविष्य की ओर भी संकेत करते हैं।

उभरते अवसर: विशेष रूप से पश्चिमी ब्रांड की वापसी के बाद

हाल ही में रूस में पश्चिमी ब्रांड्स की वापसी के बाद, भारतीय उद्योगों के लिए नए अवसर उभर कर सामने आए हैं। रूस में भारतीय कंपनियों को अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए एक बढ़ा हुआ बाजार मिल सकता है। कोजलोव ने इस बात पर जोर दिया कि कृत्रिम मेधा (एआई), रोबोटिक्स, शहरी विकास और प्रमुख धातुओं जैसे लिथियम, कोबाल्ट और निकल में सहयोग से दोनों देशों को व्यापक लाभ हो सकता है। ये उद्योग अगले पीढ़ी के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन पर निवेश को बढ़ावा देना एक दूरदृष्टि से भरपूर कदम होगा।

नवीनता और भविष्य की दिशा

भारत और रूस के बीच बढ़ते रिश्ते की एक खास बात यह है कि ये केवल पारंपरिक व्यापारिक संबंधों तक सीमित नहीं हैं। दोनों देशों ने उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एआई और रोबोटिक्स में भी सहयोग के नए आयाम खोजे हैं। यह संकेत करता है कि दोनों देश भविष्य की आर्थिक चुनौतियों को एक साथ मिलकर हल करने के लिए तैयार हैं। साथ ही, इनके बीच साइबर सुरक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सहयोग भी एक नए युग की शुरुआत है।

निष्कर्ष

भारत और रूस का संबंध केवल एक व्यापारिक साझेदारी से कहीं अधिक है। यह एक स्थायी दोस्ती की मिसाल है, जो समय के साथ नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है। दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार, बढ़ते निवेश और नई तकनीकों में साझेदारी से स्पष्ट होता है कि उनका सहयोग आने वाले वर्षों में और भी व्यापक और प्रभावशाली हो सकता है। 2030 तक 100 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य को हासिल करना एक बड़ा कदम होगा, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी की नई गाथा लिखेगा।

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