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Russia-Ukraine War:भारत बढ़ा शांति के लिए आगे, रूस दौरे पर जाएंगे डोभाल, मोदी-पुतिन में बात

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग को खत्म करने को लेकर भारत ने एक बार फिर कदम उठाया है. पीएम मोदी ने 27 अगस्त को रूस के

Russia-Ukraine War: एनएसए अजीत डोभाल का रूस दौरा रूस-यूक्रेन संघर्ष में मध्यस्थता का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, दौरे की तारीख अभी स्पष्ट नहीं है, यह यात्रा दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। अजीत डोभाल इस दौरे के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं और शांति वार्ता की संभावनाओं पर चर्चा कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई में रूस का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति की गंभीरता पर चर्चा की थी। इसके बाद, 23 अगस्त को पीएम मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया और राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। उन्होंने उस दौरान कहा था कि भारत हमेशा शांति की ओर अग्रसर रहने की कोशिश करता है। पीएम मोदी के इस दौरे और बातचीत का उद्देश्य था कि भारत शांति के प्रयासों में एक सक्रिय भूमिका निभा सके।

रूस और भारत के बीच शांति की दिशा में उम्मीदें

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में कहा था कि वह शांति के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने भारत, चीन और ब्राज़ील को इस संघर्ष में मध्यस्थता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए समर्थन दिया। उनके बयान से यह संकेत मिलता है कि रूस शांति वार्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित कर रहा है।

इटली की प्रधानमंत्री का भारत के प्रति समर्थन

पुतिन के बयान के 48 घंटे बाद, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी भारत की भूमिका की सराहना की। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा कि भारत और चीन जैसे देश रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। मेलोनी ने जोर दिया कि भारत की भूमिका शांति वार्ता में महत्वपूर्ण हो सकती है और इससे जंग को रोकने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में भारत की सक्रिय भूमिका को देखते हुए, अजीत डोभाल का प्रस्तावित रूस दौरा एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है। भारत ने पहले ही अपने दोनों देशों के दौरे के माध्यम से शांति की दिशा में कदम उठाए हैं, और अब एनएसए डोभाल के दौरे से शांति वार्ता को एक नई दिशा मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब भारत की इस पहल पर टिकी हैं, जो कि वैश्विक शांति प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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