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Lok Sabha Election:2024 का इंडिया गठबंधन ने सेट किया एजेंडा, ट्रिपल-E से मोदी को घेरने का दांव

Lok Sabha Election: बीजेपी और पीएम मोदी के विजयरथ को रोकने के लिए बनाए गए इंडिया गठबंधन हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. मुंबई के शिवाजी पार्क में रैली कर विपक्षी दलों ने एकजुटता का परिचय दिया और इलेक्टोरल बॉन्ड, ईवीएम तक का मुद्दा उठाया. बीजेपी के साथ ही

Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही देश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. 2014 और 2019 में बीजेपी की सफलता की इबारत लिखने वाले पीएम मोदी लगातार तीसरी जीत के लिए मशक्कत कर रहे हैं. बीजेपी को सत्ता की हैट्रिक लगाने से’इंडिया गठबंधन’ हरहाल में रोकने का दांव चल रहा है. ऐसे में मुंबई के शिवाजी पार्क में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की समापन रैली में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर एकजुटता का संदेश देते हुए बीजेपी को पराजित करने का संकल्प लिया. लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन ने अपना सियासी एजेंडा भी सेट कर दिया है.

2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा के एक दिन बाद खचाखच भरे शिवाजी पार्क में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने ‘बीजेपी छोड़ो’ का नया नारा दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो सिर्फ एक मुखौटा हैं. इंडिया गठबंधन की मुंबई रैली में महिलाओं और युवाओं की संख्या भी अच्छी खासी रही. राहुल गांधी से लेकर इंडिया गठबंधन के सभी नेताओं ने एक सुर में जिस तरह से ईवीएम, ईडी और इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया और मोदी सरकार को घेरते हुए नजर आए, उससे यह बात साफ है कि विपक्षी इसी ‘ट्रिपल-E’ मुद्दों के बहाने 2024 के चुनावी मैदान में बीजेपी से दो-दो हाथ करने की रणनीति है?

ईवीएम पर सवाल खड़े कर रहा विपक्ष

ईवीएम को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा, ‘राजा की आत्मा ईवीएम, ईडी, सीबीआई, जैसे संस्थाओं में है’. राहुल ने कहा कि ईवीएम के बिना पीएम मोदी चुनाव नहीं जीत सकते हैं. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन से हमने कहा कि एक काम कीजिए- विपक्षी पार्टी को ईवीएम मशीनें दिखा दीजिए, खोलकर हमें दिखा दीजिए. ये मशीनें कैसे चलती हैं, लेकिन नहीं दिखाई. फिर हमने कहा कि इसमें से कागज निकलता है, वोट मशीन में नहीं है, वोट कागज में है. राहुल ने कहा कि ईवीएम में कोई दिक्कत नहीं है तो वीवीपैट की पर्ची से चुनाव आयोग गिनती क्यों नहीं कराता. उन्होंने पूछा कि आख़िर इसमें क्या दिक्कत है.

राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए नेशनल कॉफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी EVM को लेकर निशाना साधा. फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि ये लोग मशीन चोर हैं. कृपया ईवीएम मशीन पर नजर रखें कि आपका वोट कहां जा रहा है या किसी और को वोट जा रहा है. वहीं, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ईवीएम सेट हो गई है. अगर ईवीएम से दस फीसदी वोट बढ़ेंगे तो आपको 20 फीसदी ज्यादा वोट लेकर आना होगा. साथ ही सभी विपक्षी नेताओं ने कहा कि अगर उनकी सरकार आती है तो ईवीएम को खत्म कर देंगे. इस तरह से विपक्षी ने ईवीएम को लेकर साफ संकेत दे दिया है कि वो ईवीएम पर सवाल उठाते रहेंगे.

ईडी के बहाने पीएम मोदी पर हमला

राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना कहा कि राजा की आत्मा ईवीएम, ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई में है. इसी शक्ति के दम पर वो विपक्षी नेताओं को डराकर बीजेपी में शामिल करा रहे हैं. इसी राज्य के एक वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ते हैं और उन्होंने मेरी मां से रोकर कहा था कि मेरे में इन लोगों की इस शक्ति से लड़ने की हिम्मत नहीं, मैं जेल नहीं जाना चाहता. ऐसे ही हजारों लोग डराए गए हैं. शिवसेना, एनसीपी सहित कई दलों के लोग यूं ही चले गए? वे सब डरकर बीजेपी में गए हैं.

राहुल गांधी ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को डरा और धमकर बीजेपी में शामिल कराया जा रहा है. कांग्रेस ही नहीं तमाम विपक्ष नेता खुलकर ईडी के एक्शन और छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं और विपक्षी जुबान बंद कराने का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में साफ है कि राहुल गांधी ने जिस तरह से शिवाजी पार्क में इस मुद्दे को उठाया है, उससे साफ है कि चुनावी रैलियों में भी यही शोर सुनाई देगा. विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर इसे लेकर निशाना साध रहा है तो पीएम मोदी भी कहते रहे हैं कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमारी सरकार की जीरो टालरेंस नीति है. इससे साफ है कि सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही इसे अपने-अपने हिसाब से चुनावी हथियार बनाने की कवायद में हैं.

इलेक्टोरल बॉन्ड को बनाएगा चुनावी मुद्दा

इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला ऐसे समय सामने आया है जब लोकसभा चुनाव की सियासी तपिश गर्म है. ऐसे में विपक्ष ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के पास भ्रष्टाचार की मोनोपॉली है. आज चार तरीके से वसूली चल रही है. इसमें पहला है चंदा दो, धंधा लो. दूसरा है ⁠हफ्ता वसूली, तीसरा है ⁠ठेका लो, रिश्वत दो और चौथा और आखिरी शेल कंपनी है. राहुल ने कहा कि आज इलेक्टोरल बॉन्ड का सिस्टम निकाला, यहां सड़कों पर एक्सटॉर्शन चलता है, वो (बीजेपी) सरकार में कर रहे हैं. कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट मिलता है, फिर वो सीधे इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद लेते हैं. कंपनी को प्रॉफिट ही नहीं है और उससे ज्यादा पैसा वो बीजेपी को दे रही है.

राहुल गांधी ही नहीं अन्य कांग्रेसी नेताओं ने कई मुद्दों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. इस दौरान तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि ‘इलेक्टोरल बॉन्ड बीजेपी का सफेदपोश भ्रष्टाचार है. इलेक्टोरल बॉन्ड बीजेपी के भ्रष्टाचार को साबित करता है. वहीं, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा की एक रैली में इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. इससे एक बात तो साफ है कि इलेक्टोरल बॉन्ड 2024 के चुनाव में विपक्ष एक बड़े सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेगा.

विपक्ष के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव

विपक्ष के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव ‘करो या मरो’ वाली स्थिति का है, क्योंकि 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में विपक्ष इस बार एकजुट होकर बीजेपी से मुकाबला करना चाहता है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के मंच पर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने शिरकत कर अपनी एकजुटता का संदेश दिया. इतना ही नहीं ईवीएम से लेकर ईडी और इलेक्टोरल बॉन्ड तक एक सुर में आवाज उठाई और मोदी सरकार पर हमलावर नजर आए. इससे एक बात साफ है कि विपक्ष ने सामूहिक रूप से मोदी सरकार को घेरने का प्लान बनाया है. शिवाजी पार्क में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर उठाया ही नहीं बल्कि उनके सुर में सुर भी मिलाया है. ऐसे में साफ है कि विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ चुनाव में जिन मुद्दों को सियासी हथियार बनाने की रणनीति बनाने का प्लान बनाया है, उस पर वे एकमत हैं?

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