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IND vs AUS:'मैं काफी निराश हूं'- टेस्ट स्क्वाड से नाथन मैक्सविनी ने बाहर होने पर दी पहली प्रतिक्रिया

IND vs AUS: नाथन मैक्सविनी जो भारत के खिलाफ जारी 5 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पहले 2 टेस्ट मैचों के लिए ऑस्ट्रेलिया स्क्वाड का हिस्सा थे उन्हें

IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने भारत के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज के आखिरी दो मुकाबलों के लिए अपने स्क्वाड का ऐलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि नाथन मैक्सविनी को टीम से बाहर कर दिया गया है। मैक्सविनी, जिन्होंने इस सीरीज से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी, पहले तीन टेस्ट मुकाबलों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। उनके खराब प्रदर्शन के कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें अंतिम दो टेस्ट मुकाबलों से बाहर करने का निर्णय लिया है, और अब उनकी जगह युवा खिलाड़ी सैम कोंसटास को टीम में शामिल किया गया है।

मैक्सविनी की निराशा और भविष्य की उम्मीदें

नाथन मैक्सविनी ने इस फैसले पर अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने चैनल 7 को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मुझे लगा था कि मेरा सपना पूरा हो गया था, लेकिन यह उस तरह से नहीं हुआ जैसा मैंने सोचा था। हालांकि, यह जीवन का हिस्सा है, और मैं अपनी गलतियों पर काम करूंगा। मैंने इस मौके का पूरा फायदा नहीं उठाया, और अब मैं फिर से नेट्स में वापस जाकर सुधार करूंगा, ताकि अगले मौके पर टीम में वापसी कर सकूं।”

मैक्सविनी ने आगे कहा कि, “इस तरह के मौके हर खिलाड़ी के जीवन में आते हैं। अगर आप अपना प्रदर्शन अच्छा नहीं करते और अपने मौके का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते, तो टीम में आपकी जगह पक्की नहीं रहती। मैं अपने परिवार के पास ब्रिस्बेन जा रहा हूं, ताकि क्रिसमस का समय अच्छे से मना सकूं, क्योंकि यह मेरे लिए एक खास समय है।”

सैम कोंसटास को मिला मौका

मैक्सविनी के स्थान पर, ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने युवा खिलाड़ी सैम कोंसटास को मौका दिया है। कोंसटास, जो केवल 19 साल के हैं, ने हाल ही में भारत के खिलाफ पिंक बॉल प्रैक्टिस मैच में ऑस्ट्रेलियाई प्राइम मिनिस्टर इलेवन टीम की ओर से शानदार शतक जड़ा था। इसके अलावा, बिग बैश लीग के मौजूदा सीजन में भी उनका बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला है। कोंसटास की कड़ी मेहनत और शानदार फॉर्म को देखते हुए चयनकर्ताओं ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह दी है।

यह बदलाव ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि सैम कोंसटास जैसे युवा खिलाड़ी टीम में नई ऊर्जा और उत्साह ला सकते हैं। उनके अच्छे प्रदर्शन से टीम को नए विकल्प मिल सकते हैं, और यह बदलाव टेस्ट सीरीज के अंतिम मुकाबलों में टीम के लिए सकारात्मक परिणाम ला सकता है।

आखिरकार क्या हो सकता है भविष्य?

मैक्सविनी के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उनके आत्मविश्वास और सुधार की इच्छा से यह भी साफ है कि वह अपनी गलतियों से सीखकर टीम में वापसी की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं, सैम कोंसटास के लिए यह अवसर अपनी क्षमता साबित करने और अपनी पहचान बनाने का है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन का ऑस्ट्रेलियाई टीम पर क्या असर पड़ता है, और क्या वे भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के अंतिम मुकाबलों में अपनी टीम को जीत दिलाने में सफल हो पाते हैं।

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