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Rahul Gandhi News:मैं रायबरेली का सांसद हूं, प्रियंका को लेकर भी प्लान..राहुल ने क्या-क्या दिए संकेत

Rahul Gandhi News: रायबरेली और वायनाड से लोकसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी इन दोनों जगहों में से किसे चुनेंगे इस पर फिलहाल संशय बरकरार है. हालांकि मंगलवार को रायबरेली में आयोजित आभार सभा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संकेत दिया है कि

Rahul Gandhi News: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड सीट से चुनाव जीते हैं. राहुल गांधी रायबरेली सीट को रखेंगे या वायनाड इस बात पर रहस्य बना हुआ है क्योंकि वो दोनों सीटों पर बड़े अंतर से जीते हैं. चुनाव जीतने के बाद राहुल यह बात दो बार कह चुके हैं कि वो दोनों ही सीटें रखना चाहते हैं, लेकिन यह संभव नहीं है. ऐसे में रायबरेली के दौरे पर यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी सीट वो रखने जा रहे हैं, लेकिन मंगलवार को रायबरेली में आभार सभा कार्यक्रम में जिस तरह से उन्होंने संकेत दिए हैं, उसके अब सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं.

राहुल गांधी ने रायबरेली और गांधी परिवार के बीच सौ साल पुराने रिश्ते की दुहाई दी और आगे कहा कि ‘अब मैं रायबरेली का सांसद हूं.’ ऐसे में उनकी इस बात को लेकर कहा जा रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट को नहीं छोड़ेंगे. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने रायबरेली में अपनी जीत के लिए प्रियंका गांधी का शुक्रिया अदा किया और आगे कहा कि बहन प्रियंका के लिए उनके पास एक प्लान है, जिसे वह बाद में आपसे शेयर करेंगे. इस तरह से राहुल गांधी ने भविष्य के सियासी संकेत दे दिए हैं.

रायबरेली का सांसद बताकर दिया संकेत

रायबरेली से सांसद चुने जाने के बाद पहली बार राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ मंगलवार को रायबरेली पहुंचे थे. रायबरेली-अमेठी के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं के आभार जताने के लिए कांग्रेस ने आभार सभा रखी थी. राहुल ने आभार जताने के दौरान खुद को रायबरेली का सांसद कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता से मैं कहना चाहता हूं कि मैं रायबरेली का सांसद हूं, मगर मैंने जो आपसे कहा था कि जो रायबरेली में होगा वह अमेठी में भी होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए थे और उसके बाद जब अमेठी पहुंचे थे ते उन्होंने यहां के लोगों से कहा था कि अब मैं वायनाड का सांसद हूं, लेकिन आप लोगों से रिश्ता बना रहेगा. ऐसे में अब यह कहना कि रायबरेली का सांसद हूं. राहुल गांधी ने मान लिए हैं कि रायबरेली से सांसद हैं तो उनके लिए यह सीट छोड़ना आसान नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा कि हमारा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है. ये करीब 100 साल पहले शुरू हुआ था, जब किसान आंदोलन के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू जी यहां आए थे. ये गहरा रिश्ता है जो अभी है और हमेशा रहेगा. राहुल गांधी ने जिस तरह से रायबरेली के साथ गांधी परिवार वर्षों पुराने रिश्ते की दुहाई दी और बार-बार क्षेत्र की जनता को धन्यवाद दिया. इसे सियासी जानकार रायबरेली लोकसभा सीट से उनके सांसद रहने से जोड़कर देख रहे हैं. उनका मानना है कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली सीट को बरकरार रखेंगे. यह बात इसीलिए भी है कि चुनाव प्रचार के दौरान सोनिया गांधी ने कहा था कि मैं अपना बेटा सौंपकर जा रही है. ऐसे में रायबरेली की जनता ने राहुल गांधी को रिकॉर्ड मतों से जिताया है तो उनके लिए सीट आसान नहीं है.

प्रियंका के लिए राहुल के पास क्या प्लान है?

रायबरेली में आभार सभा को संबोधित करने के बाद राहुल गांधी स्टेज पर गए और नेताओं का हाथ पकड़कर अभिवादन किया. इस दौरान उन्होंने बहन प्रियंका गांधी को गले लगाया. इसके बाद राहुल ने माइक की तरफ फिर से बढ़ गए और कहा मैं इस जीत के लिए बहन प्रियंका को शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका ने रायबरेली और अमेठी में अपनी जान लगा दी. वह सिर्फ दो-दो घंटे सोकर काम करती रहीं. प्रियंका को मैं विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहता हूं. इसके बाद राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा कि प्रियंका के लिए उनके पास एक प्लान है, जिसे वह बाद में आपसे शेयर करेंगे.

राहुल गांधी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि प्रियंका गांधी के लिए उनके पास क्या प्लान है, लेकिन अब उनकी बात के अब राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं. रायबरेली और वायनाड लोकसभा सीट में से राहुल गांधी जिस सीट को भी छोड़ेंगे, प्रियंका गांधी क्या उस सीट से ही उपचुनाव लड़ेंगी. इसके अलावा यूपी में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन रहा है, क्या सूबे में फिर से उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने की प्लानिंग बना रखी है.

यूपी से कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ गई हैं

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी थी. सूबे की 80 में से 17 सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, जिसमें पार्टी के 6 सांसद जीतने में कामयाब रहे. कांग्रेस का वोट शेयर भी 6.36 फीसदी से बढ़कर 9.46 फीसदी पर पहुंच गया. प्रयागराज, सहारनपुर और सीतापुर लोकसभा सीट पर करीब चार दशक के बाद कांग्रेस को जीत मिली है. बाराबंकी में 2009 के बाद वापसी की है तो अमेठी में पांच साल पहले मिली हार का हिसाब बराबर कर लिया है. कांग्रेस को सूबे की जिन 11 सीटों पर हार मिली है, उन सीटों पर भी उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. बांसगांव, देवरिया, अमरोहा, महाराजगंज और फतेहपुर सीकरी जैसी सीटों पर कांग्रेस को बहुत ही कम अंतर से हार मिली है. वाराणसी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने जिस तरह से पीएम मोदी को कांटे की टक्कर दी है और बीजेपी की जीत का मार्जिन बहुत कम रहा है, उसके चलते कांग्रेस के हौसले बुलंद हो गए हैं.

लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी वापसी की कोशिश में है. राहुल गांधी ने यूपी से आए राजनीतिक नतीजों की तारीफ भी की और उसे आगे की भूमिका के लिए तैयार रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यूपी ने देश की राजनीति को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों को पसंद नहीं करता है. देश की बदलती राजनीति का संदेश यूपी से ही जाएगा. अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है. देश की राजनीति को नया विजन देना है, तो वह यूपी से ही जाएगा. ऐसे में साफ है कि राहुल ने बता दिया है कि यूपी आगे की राजनीति के लिए काफी अहम है.

उत्तर प्रदेश को संदेश के लिए राहुल गांधी रायबरेली से अपनी सांसदी बरकरार रख सकते हैं और यहां की राजनीति में कांग्रेस को मजबूती दे सकते हैं. सियासत में भी यह कहावत है कि दिल्ली की रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. इसीलिए पीएम मोदी को गुजरात से यूपी में आकर चुनाव लड़ना पड़ा. मोदी को सत्ता की बुलंदी तक पहुंचाने का काम यूपी ने किया और 2024 में दिक्कतें यूपी ने खड़ी किया. यूपी कांग्रेस की कोशिश है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट को रखे. उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में राहुल गांधी के रायबरेली से ही सांसद रहने का प्रस्ताव पास किया गया था. कांग्रेस के एजेंडे में अब यूपी है तो राहुल के लिए भी यूपी में रहना सियासी मजबूरी है. राहुल ने जब यह बात कही कि मैं रायबरेली का सांसद हूं तो उससे एक बार फिर कयासों को बल मिला है कि भले ही अभी स्पष्ट घोषणा बाकी है, लेकिन राहुल रायबरेली से ही सांसद रहेंगे.

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