UAE News: पाकिस्तान की एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेइज्जती हुई है। इस बार उसके मित्र और मददगार देश सऊदी अरब ने खुद पाकिस्तान से भिखारियों की बढ़ती संख्या को लेकर सख्त चेतावनी दी है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि वे सऊदी अरब में आने वाले भिखारियों पर जल्द से जल्द रोक लगाएं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इसका सीधा असर पाकिस्तानी हज और उमराह यात्रियों पर पड़ सकता है।
सऊदी अरब की नाराजगी: पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ती तादाद
पाकिस्तान से उमराह या तीर्थयात्रा वीजा पर सऊदी अरब जाने वाले भिखारियों की बढ़ती संख्या ने सऊदी अरब की सरकार को चिंता में डाल दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सऊदी अरब के हज मंत्रालय ने पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय से कहा है कि वह इस समस्या पर काबू पाएं। पिछले कुछ महीनों में, पाकिस्तान से उमराह वीजा पर आने वाले कई लोग सऊदी अरब में भीख मांगते हुए पाए गए हैं, जिसके कारण सऊदी अधिकारियों ने यह कदम उठाया है।
उमराह एक्ट लाने की तैयारी
सऊदी अरब की सख्त चेतावनी के बाद पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए एक नया कानून लाने का निर्णय लिया है, जिसे उमराह एक्ट कहा जा रहा है। इस एक्ट के तहत, उमराह वीजा के लिए मदद करने वाली ट्रैवल एजेंसियों की सख्त निगरानी की जाएगी ताकि वे भिखारियों को सऊदी अरब भेजने में शामिल न हों। इसके अलावा, पाकिस्तान की एफआईए (फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को भी इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि सऊदी अरब या अन्य देशों में भीख मांगने जाने वाले लोगों पर रोक लगाई जा सके।
पाकिस्तान की गिरती आर्थिक स्थिति और भिखारियों का मुद्दा
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही गंभीर संकट में है। देश के ऊपर बकाया कर्ज और भीख पर चलने वाली अर्थव्यवस्था ने पाकिस्तान की वैश्विक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में, सऊदी अरब जैसी दोस्त समझी जाने वाली इस्लामिक देशों की फटकार ने पाकिस्तान के हुक्मरानों को शर्मसार कर दिया है। पाकिस्तान के लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है क्योंकि उनका देश लगातार कर्ज और खैरात पर निर्भर होता जा रहा है।
तीर्थयात्रा के नाम पर भीख मांगने वाले लोग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान से हर साल बड़ी संख्या में लोग उमराह वीजा पर सऊदी अरब जाते हैं और वहां भीख मांगने लगते हैं। अगस्त 2023 में, कराची एयरपोर्ट पर 11 लोगों को पकड़ा गया था जो सऊदी अरब जाने की तैयारी में थे, लेकिन उनका उद्देश्य उमराह नहीं, बल्कि भीख मांगना था। इसी तरह, लाहौर एयरपोर्ट पर भी अक्टूबर 2023 में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो भीख मांगने के लिए सऊदी जाने वाले थे।
सऊदी अरब की जेलों में पहले से ही पाकिस्तानी भिखारियों की संख्या बढ़ चुकी है। इस शर्मनाक स्थिति के कारण पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन सरकार के पास इसका स्थायी समाधान नहीं दिख रहा है।
भिखारियों के सप्लायर के रूप में पाकिस्तान की पहचान
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान की पहचान भिखारियों के सप्लायर के रूप में बन चुकी है। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में गिरफ्तार किए गए भिखारियों में से लगभग 90% पाकिस्तानी मूल के होते हैं। सऊदी अरब के अलावा, यूएई भी इस समस्या से जूझ रहा है। यूएई ने पाकिस्तान से आने वाले भिखारियों को रोकने के लिए कई बार सख्त कदम उठाए हैं। रमजान के महीने के दौरान यूएई में एक अभियान चलाया गया था, जिसमें 200 से अधिक भिखारी गिरफ्तार किए गए थे, जिनमें से लगभग आधी महिलाएं थीं।
पाकिस्तानी सरकार की कमजोर स्थिति
पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था और इसके हुक्मरानों की नीतियों ने देश को ऐसी स्थिति में ला खड़ा किया है कि जहां उसकी अंतरराष्ट्रीय साख लगातार गिरती जा रही है। पाकिस्तान की शहबाज सरकार कर्ज के बिना देश को संभालने में असमर्थ साबित हो रही है, और इस कारण से पाकिस्तान की आम जनता भी सरकार से नाराज है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान को भिखारियों की बढ़ती संख्या और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी बदनामी से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों से मिल रही चेतावनी यह दर्शाती है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों को अब इस समस्या का समाधान निकालने में कोई देरी नहीं करनी चाहिए, वरना इसकी वैश्विक प्रतिष्ठा पर और गहरा असर पड़ेगा।