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Indian Hockey Team:हॉकी इंडिया ने PR Sreejesh के सम्मान में लिया बड़ा फैसला, जर्सी नबंर-16 को कर दिया रिटायर

Indian Hockey Team: पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद पीआर श्रीजेश ने रिटायरमेंट ले लिया था। अब हॉकी इंडिया ने बड़ा फैसला लेते हुए श्रीजेश की जर्सी को रिटायर कर दिया है।

Indian Hockey Team: भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कमाल का प्रदर्शन किया था। टीम ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। इससे पहले टोक्यो में भी टीम ने नंबर पर फिनिश करते हुए कांस्य पदक नाम किया था। लगातार दो ओलंपिक मेडल के बाद हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है और हर भारतीय इस खेल को खुद से जुड़ा हुआ मानता है। पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम को मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पीआर श्रीजेश ने रिटायरमेंट ले लिया था। अब हॉकी टीम ने बड़ा फैसला लेते हुए पीआर श्रीजेश की 16 नंबर जर्सी को रिटायर करने का फैसला किया है। 

हॉकी इंडिया ने नंबर-16 जर्सी को किया रिटायर

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने यह भी घोषणा की कि लगभग दो दशक तक 16 नंबर की जर्सी पहनने वाले 36 साल श्रीजेश जूनियर राष्ट्रीय कोच की भूमिका निभाएंगे। भोला नाथ ने श्रीजेश के सम्मान में आयोजित समारोह में कहा कि श्रीजेश अब जूनियर टीम के कोच बनने जा रहे हैं और हम सीनियर टीम के लिए 16 नंबर की जर्सी रिटायर कर रहे हैं। हम जूनियर टीम के लिए 16 नंबर की जर्सी को रिटायर नहीं कर रहे। श्रीजेश दूसरे श्रीजेश को जूनियर टीम में तैयार करेगा (श्रीजेश जूनियर टीम में अपने जैसे किसी खिलाड़ी को तैयार करेगा जो 16 नंबर की जर्सी पहनेगा)।

केरल के एर्नाकुलम में जन्में पीआर श्रीजेश ने 2006 साउथ एशियन गेम्स में भारत के लिए डेब्यू किया था। अपने 18 साल लंबे करियर के दौरान पीआर श्रीजेश को 4 बार ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका जिसमें 2 बार वह पदक जीतने में भी कामयाब हुए। इसके अलावा उन्होंने भारतीय हॉकी टीम के लिए कप्तानी की भी जिम्मेदारी को संभाला है। पीआर श्रीजेश को हॉकी में उनके योगदान के लिए भारत सरकार की तरफ से साल 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

विनेश फोगाट को बताया फाइटर

विनेश फोगाट के लिए बोलते हुए पीआर श्रीजेश ने कहा कि वह पदक की हकदार है क्योंकि फाइनल में पहुंचकर उन्होंने एक पदक पक्का कर लिया था। रजत या फिर स्वर्ण पदक उन्हें मिलता ही। अंतिम समय में कहना कि आप फाइनल में खेलने के लिए अयोग्य हो। अगर मैं उनकी जगह होता तो पता नहीं क्या करता। वह ‘फाइटर’ है। कांस्य पदक मैच से पहले वह मिली थीं। उन्होंने कहा कि भाई गुड लक, आप तो दीवार हो’ अच्छे से खेलो। मुझे लगा कि वह मुस्कुराते हुए अपना दर्द छुपा रही थीं, वह सचमुच ‘फाइटर’ है। 

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