Jharkhand Elections 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर-शोर से चल रहा है, और राजनीतिक दल एक-दूसरे पर तीखे हमले करने से नहीं चूक रहे। राज्य में प्रमुख राजनीतिक पार्टियों, विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, के नेताओं ने जोरदार रैलियों के माध्यम से जनता को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिशें की हैं। इस चुनावी समर में झारखंड की जनता का रुख और मुद्दे पर भी ध्यान केंद्रित है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला
दुमका में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए। चौहान ने कहा, "झारखंड की जनता इस बार परिवर्तन की लहर चलाने का संकल्प कर चुकी है। जेएमएम और कांग्रेस ने जनता के खून-पसीने की कमाई पर डाका डाला है।" उन्होंने दावा किया कि हेमंत सोरेन की सरकार "सूखे पत्ते की तरह उड़ जाएगी," और भाजपा भारी बहुमत से राज्य में सत्ता में आएगी।
चौहान ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस की सरकार को "कुंभकर्ण" की संज्ञा दी। उन्होंने कहा, "जेएमएम और कांग्रेस के कुंभकर्ण 12 महीने सोते नहीं हैं, बल्कि 12 महीने जनता की मेहनत की कमाई खाते रहते हैं।" उनका इशारा था कि यह सरकार जनहित के मुद्दों को नजरअंदाज कर सिर्फ भ्रष्टाचार में लिप्त है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन पर कटाक्ष
लोहरदगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा, आरजेडी और कांग्रेस को राज्य के विकास में बाधा बताया। उन्होंने कहा कि अगर इन तीनों पार्टियों की सरकार चली जाए तो राज्य का विकास रफ्तार पकड़ सकता है। "झारखंड के तीन स्पीड ब्रेकर - जेएमएम, आरजेडी और कांग्रेस - को हटाकर राज्य के विकास को गति दी जा सकती है।" उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा ही झारखंड के विकास को नई दिशा दे सकती है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार को लिया आड़े हाथों
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांके में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। खड़गे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सरकारी संपत्तियों को बेचने में जुटी है, जिसमें रेलवे, एयरपोर्ट और अन्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार "हम कमाएं और ये लोग बेच दें" की नीति पर चल रही है। साथ ही, खड़गे ने यह भी कहा कि जो आरक्षण और अधिकार संविधान के तहत दलित, आदिवासी और ओबीसी को मिले हैं, वे महात्मा गांधी, नेहरू और बाबासाहेब आंबेडकर जैसे नेताओं की देन हैं।
खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें देश की जनता की समस्याएं नजर नहीं आतीं और वे सिर्फ "2 बड़े लोग" और गृह मंत्री अमित शाह को तवज्जो देते हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि "कैबिनेट में सिर्फ पीएम मोदी और अमित शाह की चलती है, बाकी लोग बोलने का साहस नहीं कर सकते।"
राजनीतिक बयानों का प्रभाव
इस चुनाव प्रचार में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने झारखंड के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को प्रमुखता दी है। भाजपा ने जेएमएम-कांग्रेस सरकार पर कुशासन, भ्रष्टाचार और विकास की कमी का आरोप लगाकर अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया है, जबकि कांग्रेस ने केंद्र की नीतियों को लेकर जनता के बीच आक्रोश पैदा करने की कोशिश की है।
झारखंड के आदिवासी समुदाय, महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और राज्य के विकास की दिशा जैसे मुद्दे चुनाव का मुख्य केंद्र बने हुए हैं। जनता इस बार किसके पक्ष में अपने मत का प्रयोग करेगी, यह तो चुनाव के परिणाम के बाद ही साफ हो पाएगा।
झारखंड विधानसभा चुनाव का यह प्रचार अभियान, न केवल झारखंड बल्कि देश भर के राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक दिलचस्प घटना बन चुका है। जनता का समर्थन और चुनाव के नतीजे, राज्य की आगामी दिशा तय करेंगे और यह देखना रोचक होगा कि कौन सी पार्टी झारखंड की नई सरकार बनाएगी।