Rajasthan News: राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के चलते राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। विभिन्न जिलों में पुलिस और प्रवर्तन एजेंसियों ने अब तक 92.68 करोड़ रुपये की नकदी, अवैध शराब, और अन्य सामग्री जब्त की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने जानकारी दी कि 15 अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव को धनबल के प्रभाव से मुक्त रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। सात विधानसभा सीटों पर कुल 1,862 मतदान केंद्र और 19,36,532 मतदाता हैं।
चुनाव सुरक्षा और जब्ती अभियान
निर्वाचन आयोग द्वारा गठित उड़न दस्ते, स्थैतिक निगरानी टीमें और पुलिस एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं। राज्य पुलिस द्वारा सबसे ज्यादा 76.07 करोड़ रुपये मूल्य की सामग्री जब्त की गई है। अब तक 4.22 करोड़ रुपये नकद, 5.52 करोड़ रुपये की अवैध शराब, 42 लाख रुपये के मादक पदार्थ, और 1.2 करोड़ रुपये के सोना-चांदी जैसे कीमती धातु भी जब्त किए गए हैं। ये कार्रवाइयां आदर्श आचार संहिता के पालन में हो रही हैं।
सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
राजस्थान में सात विधानसभा सीटों- झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर, और रामगढ़ के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इनमें से पांच सीट विधायकों के सांसद बनने और दो सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हुई हैं। इन सीटों में कांग्रेस के पास चार सीटें थीं। राज्य विधानसभा में वर्तमान में भाजपा के 114, कांग्रेस के 65, भारत आदिवासी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो, राष्ट्रीय लोकदल के एक और आठ निर्दलीय विधायक हैं।
प्रमुख सीटों पर दिलचस्प मुकाबले
चौरासी, खींवसर, झुंझुनू और रामगढ़ सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। खींवसर में भाजपा, आरएलपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है, जहां आरएलपी के नेता हनुमान बेनीवाल की पत्नी, भाजपा के रतन चौधरी, और कांग्रेस के रेवंत राम डांगा मैदान में हैं। चौरासी सीट पर भाजपा और कांग्रेस, बीएपी के प्रभाव को चुनौती दे रही हैं।
झुंझुनू और रामगढ़ में मुकाबला
झुंझुनू में त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां भाजपा ने अपने बागी राजेंद्र भांभू को टिकट दिया है। कांग्रेस ने सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को उतारा है। रामगढ़ में कांग्रेस विधायक जुबैर खान के निधन के बाद उनके बेटे आर्यन को टिकट मिला है, और भाजपा से सुखवंत सिंह चुनावी मैदान में हैं। दोनों ही पार्टियां दलित वोटरों पर ध्यान दे रही हैं।
उपचुनाव की आवश्यकता
ये उपचुनाव विभिन्न कारणों से आवश्यक हुए हैं। झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, और चौरासी सीटें लोकसभा चुनाव में विधायकों के सांसद बनने के कारण खाली हुई हैं, जबकि रामगढ़ और सलूंबर सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हुईं।