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Jharkhand Government:किसानों के लिए खुशखबरी! MSP के अलावा मिलेगा 100 रुपये क्विंटल का बोनस

Jharkhand Government: केंद्र ने वित्त वर्ष 2024-25 में धान की सामान्य किस्म के लिए 2,300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए किस्म के लिए 2,320 रुपये का एमएसपी तय

Jharkhand Government: झारखंड सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह घोषणा की गई कि वित्त वर्ष 2024-25 में धान के लिए केंद्र के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाएगा। इस निर्णय के लिए कुल 60 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है।

बोनस का उद्देश्य

इस बोनस का उद्देश्य किसानों की मेहनत को उचित सम्मान देना और उनकी आय को बढ़ाना है। अधिकारी वंदना दादेल ने बताया कि राज्य सरकार इस वर्ष किसानों से 6 लाख टन धान खरीदने की योजना बना रही है। केंद्र ने धान की सामान्य किस्म के लिए 2,300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए किस्म के लिए 2,320 रुपये का MSP तय किया है। इस प्रकार, राज्य सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित होगा।

किसानों के लिए और लाभ

मंत्रिमंडल की बैठक में केवल धान के बोनस पर ही चर्चा नहीं हुई, बल्कि कुल 36 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें राज्यभर में 29,604 'जल सहिया' को 12,000 रुपये मूल्य के स्मार्टफोन प्रदान करने का प्रस्ताव भी शामिल है। यह कदम ग्रामीण इलाकों में जल सेवा सुधारने के लिए महत्वपूर्ण होगा और इससे संबंधित कार्यों में तेजी आएगी।

भारत में धान उत्पादन

भारत में धान उत्पादन के आंकड़े भी उत्साहवर्धक हैं। 2023-24 में देश में कुल धान उत्पादन 1367 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है। तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और ओडिशा जैसे राज्यों में धान का उत्पादन उल्लेखनीय है। इनमें तेलंगाना 166.31 लाख मीट्रिक टन के साथ पहले स्थान पर है।

निष्कर्ष

झारखंड सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से किसानों को सशक्त बनाएगा और उनके लिए आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऐसे कदमों से न केवल किसानों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि राज्य की कृषि व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इस प्रकार, झारखंड सरकार की यह पहल न केवल फसल की उपज बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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