Rahul Gandhi News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग से ठीक एक दिन पहले एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर नालासोपारा के एक होटल में पैसा बांटने का आरोप लगाया गया है। बहुजन विकास अघाड़ी ने दावा किया है कि होटल से 9 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। इस मामले ने चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
राहुल गांधी का हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें विनोद तावड़े होटल में नजर आ रहे हैं और आसपास के लोग हंगामा कर रहे हैं। राहुल ने लिखा,
"मोदी जी, यह 5 करोड़ रुपये किसकी तिजोरी से निकाला है? जनता का पैसा लूटकर आपको किसने टेम्पो में भेजा?"
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वीडियो में कथित तौर पर विनोद तावड़े के साथ नकदी देखी जा रही है। राहुल गांधी ने इसे चुनाव में "मनी पावर" के इस्तेमाल का प्रमाण बताया।
कांग्रेस और विपक्ष का आरोप
कांग्रेस और बहुजन विकास अघाड़ी ने आरोप लगाया कि विनोद तावड़े होटल में बैग में पैसे लेकर पहुंचे थे और वहां लोगों को पैसे बांट रहे थे। कांग्रेस ने कहा कि यह कदम चुनाव को प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा है। पार्टी ने चुनाव आयोग से तत्काल संज्ञान लेने और कार्रवाई की मांग की।
मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा,
"बीजेपी महाराष्ट्र को मनी पावर और मसल पावर से नियंत्रित करना चाहती है। यह राज्य की विचारधारा के खिलाफ है। जनता इस अन्याय का जवाब मतदान में देगी।"
बीजेपी की सफाई
बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे विरोधियों द्वारा रचा गया षड्यंत्र बताया। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विनोद तावड़े एक बैठक में शामिल होने होटल गए थे। उन्होंने कहा,
"यह एक राजनीतिक साजिश है। विरोधी अपनी संभावित हार से घबराए हुए हैं और माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।"
बीजेपी ने घटना के सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की मांग की और कहा कि अगर कोई सच्चाई है तो सब सामने आ जाएगा।
कैशकांड के चुनावी प्रभाव
महाराष्ट्र में यह घटना चुनाव के ठीक पहले सामने आई है, जिससे मतदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच हलचल मच गई है।
- विरोधियों के लिए मौका: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे बीजेपी की "मनी पावर" राजनीति के सबूत के रूप में पेश किया है।
- चुनाव आयोग की भूमिका: इस घटना ने चुनाव आयोग के ऊपर निष्पक्षता सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ा दिया है।
- मतदाताओं की प्रतिक्रिया: यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद मतदाताओं को किस तरह प्रभावित करता है।
आगे की राह
कैशकांड ने महाराष्ट्र चुनाव को और भी रोचक बना दिया है। एक तरफ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाकर बीजेपी पर हमलावर हैं, तो दूसरी तरफ बीजेपी इसे "साजिश" बताकर खारिज कर रही है। यह मामला चुनावी माहौल को कितना बदलता है, यह तो वोटिंग के नतीजों से ही स्पष्ट होगा।