Manmohan Singh: आज देशभर के लोगों की निगाहें दिल्ली के निगमबोध घाट पर हैं, जहां पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय राजनीति के उस स्तंभ को अलविदा कहने का है, जिसने अपनी नीतियों और सरल व्यक्तित्व से देश और दुनिया में खास पहचान बनाई।
अंतिम यात्रा का कार्यक्रम
डॉक्टर मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा सुबह साढ़े 9 बजे कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होगी। वहां से उनका पार्थिव शरीर निगमबोध घाट तक ले जाया जाएगा। इससे पहले, सुबह 8:30 बजे से कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता के लिए उनके अंतिम दर्शन का आयोजन किया गया है। अंतिम संस्कार का समय 11:45 बजे तय किया गया है।
श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी
डॉक्टर सिंह के आवास पर शनिवार तड़के से ही लोगों का आना शुरू हो गया। परिवार के करीबी सदस्य, कांग्रेस के नेता, और देश-विदेश से आए गणमान्य लोग पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। यह पल उनके प्रशंसकों और समर्थकों के लिए भावुक कर देने वाला है।
पारिवारिक रीति-रिवाज और राजकीय सम्मान
डॉक्टर सिंह के पार्थिव शरीर को पहले कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा। इसके बाद पारिवारिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार ने घोषणा की है कि उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
मनमोहन सिंह के सम्मान में बनेगा स्मारक
केंद्र सरकार ने डॉक्टर मनमोहन सिंह की स्मृति को अमर बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक स्मारक बनाने का निर्णय लिया है। यह स्मारक उनकी उपलब्धियों और योगदान को याद करने का स्थान होगा। कांग्रेस ने भी निगमबोध घाट पर स्मारक बनाने की मांग रखी है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
दिल्ली में ट्रैफिक प्रतिबंध
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आज सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक कई मार्गों पर यातायात प्रतिबंध लगाए हैं। महात्मा गांधी मार्ग, निषाद राज मार्ग, बुलेवार्ड रोड, एसपीएम मार्ग, लोथियन रोड और नेताजी सुभाष मार्ग पर डायवर्जन लागू रहेगा। पुलिस ने इन मार्गों पर जाने से बचने और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी है।
मनमोहन सिंह: एक युग का अंत
डॉक्टर मनमोहन सिंह, जिन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधारक के रूप में जाना जाता है, का निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। 1991 में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल तक देश का नेतृत्व किया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
आज का दिन न केवल भारतीय राजनीति बल्कि उन सभी नागरिकों के लिए विशेष है, जिन्होंने डॉक्टर सिंह के नेतृत्व में एक प्रगतिशील भारत का सपना देखा। उनकी स्मृति हमेशा देशवासियों के दिलों में जीवित रहेगी।