India-Pakistan Trade: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं, और 2019 के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध पूरी तरह से ठप हो गए हैं। पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद की घटनाओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में गहरी दरार पैदा कर दी। पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार का बंद होना, खासकर पाकिस्तान के लिए, एक बड़ा झटका साबित हुआ है। वहीं, भारत पर इसका सीमित प्रभाव पड़ा है, लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और आम जनता के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन गया है।
पुलवामा हमला और व्यापारिक संबंधों का अंत
साल 2019 में पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को एक नए निम्न स्तर पर पहुंचा दिया। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को "मोस्ट फेवर्ड नेशन" (MFN) का दर्जा खत्म कर दिया, जो एक ऐसा विशेष व्यापारिक दर्जा था जिससे व्यापारिक संबंधों में छूट मिलती थी। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर 200% तक कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी, जिससे पाकिस्तान से आयात लगभग समाप्त हो गया।
कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद रिश्ते और बिगड़े
अगस्त 2019 में भारत सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का निर्णय लिया, जिससे जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। इस फैसले से पाकिस्तान की नाराजगी बढ़ गई और उसने भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए। पाकिस्तान के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के साथ-साथ व्यापारिक रिश्ते भी समाप्त हो गए।
मार्च 2023 में पाकिस्तान ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह भारत के साथ व्यापार बहाल नहीं करना चाहता। हालांकि, यह कदम पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक साबित हुआ, जबकि भारत पर इसका खास असर नहीं पड़ा।
किन वस्तुओं का होता था व्यापार
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में विभिन्न वस्तुओं का आदान-प्रदान होता था। पाकिस्तान मुख्य रूप से भारत से कपास, ऑर्गेनिक केमिकल, पशुओं का चारा, सब्जियां, प्लास्टिक की वस्तुएं, मानव निर्मित रेशे, कॉफी, चाय, मसाले, रंग, तेल के बीज, डेयरी उत्पाद और दवाइयों का आयात करता था। वहीं, भारत पाकिस्तान से तांबा, तांबे के सामान, फल, ड्राई फ्रूट्स, नमक, सल्फर, मिनरल फ्यूल, ऊन, चमड़ा और प्लास्टिक का सामान मंगवाता था।
पाकिस्तान पर व्यापार बंद होने का प्रभाव
व्यापार बंद होने का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान पर पड़ा। भारत से कपास के आयात पर रोक लगने के कारण पाकिस्तान की कपड़ा इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई, जो कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, पाकिस्तान में बनने वाली दवाइयों के लिए कच्चे माल का आयात भारत से होता था, और यह व्यापार बंद होने से दवाइयों की कमी हो गई।
पाकिस्तान भारत से कुछ विशेष केमिकल्स, मसाले (जैसे जीरा, धनिया), और सरसों भी आयात करता था। इन वस्तुओं की आपूर्ति ठप हो जाने से पाकिस्तान में महंगाई बढ़ गई और कई उद्योगों को बंद करना पड़ा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में थी, और इस व्यापारिक अवरोध ने उसे और अधिक कमजोर कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, कई लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ीं और देश में बेरोजगारी बढ़ गई।
भारत पर असर
भारत पर पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद होने का कोई खास असर नहीं पड़ा। भारत में पाकिस्तान से छुहारे और सेंधा नमक जैसी वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं, लेकिन इनकी आपूर्ति अन्य देशों से पूरी कर ली गई। इसके विपरीत, पाकिस्तान को कई आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोत ढूंढने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, खासकर कपास और दवाइयों के कच्चे माल की कमी ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को और भी नाजुक बना दिया।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच 2019 से व्यापार बंद है, और इस स्थिति से दोनों देशों के रिश्तों में और भी खटास आ गई है। जहां भारत ने पाकिस्तान से होने वाले व्यापार पर निर्भरता कम कर ली है, वहीं पाकिस्तान को इसके गंभीर आर्थिक परिणाम झेलने पड़ रहे हैं। पाकिस्तान की जनता और व्यापारी महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं, जबकि भारत की आर्थिक स्थिरता पर इसका असर बहुत मामूली रहा है।
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन मौजूदा स्थिति में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस व्यापारिक अवरोध से अधिक प्रभावित हो रही है, और भारत अपने वैकल्पिक व्यापारिक साझेदारों के साथ आगे बढ़ रहा है।