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Union Budget 2024:हेल्थ सेक्टर का बजट बढ़ा सकती हैं वित्त मंत्री सीतारमण, सामने आई मोटी डिमांड

Union Budget 2024: कुछ ही दिनों में देश का बजट सामने आने वाला है. 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट संसद पटल पर रखेगी. उससे पहले हेल्थ सर्विस सेक्टर की विश लिस्ट सामने आई है. हेल्थ सर्विस से जुड़े जानकारों का कहना है कि देश की कुल जीडीपी का

Union Budget 2024: आम बजट से पहले हेल्थ सर्विस सेक्टर के एक्सपर्ट ने भारत में एक मजबूत हेल्थ सर्विस सिस्टम तैयार करने के लिए सरकारी खर्च में वृद्धि, बेहतर बुनियादी ढांचे और उन्नत नवाचार की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय हेल्थ सर्विस इंडस्ट्री को बजट से बहुत अधिक उम्मीद है. इसमें अच्छे इलाज तक पहुंच, गुणवत्ता में वृद्धि और शोध तथा विकास पर जोर देना चाहिए. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर हेल्थ सर्विस के जानकारों ने आगामी बजट में किस तरह के सुझाव दिए हैं.

5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए जरूरी है हेल्थ सर्विस

एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स – इंडिया (एएचपीआई) के महानिदेशक डॉ गिरधर ज्ञानी ने कहा कि उभरते स्वास्थ्य खतरों से निपटने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने के लिए सरकारी खर्च में वृद्धि जरूरी है. उन्होंने कहा कि सरकार को स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को स्वायत्त राज्य बोर्डों के तहत पेशेवर बनाया जाना चाहिए, और सभी एसईसीसी-2011 लाभार्थियों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत योजना का पुनर्गठन होना चाहिए.

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की प्रबंध निदेशक सुनीता रेड्डी ने कहा कि देश के आर्थिक स्वास्थ्य और इसके स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के बीच महत्वपूर्ण संबंध को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र हमारी रणनीति के केंद्र में होना चाहिए.

जीडीपी का 2.5 फीसदी तक बढ़े हेल्थ सर्विस का बजट

उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और निदेशक प्रबल घोषाल ने सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सेवा खर्च को जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का आग्रह किया. आईएमए के अध्यक्ष आर वी अशोकन ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन काफी कम है. इसके अलावा पेयजल, स्वच्छता जैसे स्वास्थ्य निर्धारकों पर किए जाने वाले खर्च को अलग से देना चाहिए.

आईएमए ने बजट से पहले अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री को एक पत्र भी लिखा है. फोर्टिस हेल्थकेयर के सीईओ और प्रबंध निदेशक आशुतोष रघुवंशी ने जीडीपी के मुकाबले खर्च को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने बात कही.

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