Cm Arvind Kejriwal: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चौथा समन जारी किया है. केंद्रीय एजेंसी ने पूछताछ के लिए 18 जनवरी को बुलाया है. ईडी ने सीएम केजरीवाल को चौथी बार समन तब जारी किया जब वे 3 जनवरी की पूछताछ में शामिल नहीं हुए. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ईडी के जारी समन को गैरकानूनी बताया था और कहा था कि समन का एकमात्र उद्देश्य उन्हें गिरफ्तार करना है.
इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने 2 नवंबर और 21 दिसंबर को भी ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था. वहीं, पार्टी दावा करती आई है कि दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार किया जा सकता है. हालांकि इस तरह के दावे को ईडी ने अफवाह बताया था. बीते साल अप्रैल में इस मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सीएम केजरीवाल से पूछताछ की थी, लेकिन एजेंसी ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया था.
क्या कहते हुए ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे केजरीवाल?
ईडी के सहायक निदेशक को संबोधित एक पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से राज्यसभा के लिए चुनाव कराने का फैसला किया है. नामांकन शुरू हो गया और मतदान 19 जनवरी को होगा. दिल्ली को राज्यसभा में तीन सीटें आवंटित की गई हैं और मौजूदा पदाधिकारियों का कार्यकाल 27 जनवरी को खत्म होगा. दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के चलते वह गणतंत्र दिवस के लिए कई कार्यक्रमों और समारोहों की योजना और तैयारियों में भी काफी व्यस्त रहते हैं.
मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में बंद
AAP ने दावा किया था कि समन केजरीवाल को गिरफ्तार करने के इरादे से जारी किया गया था. मुख्यमंत्री ने ईडी पर उनके नोटिस के जवाब में पहले दी गई विस्तृत दलीलों को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया था. इसके बाद कहा जाने लगा था कि इस मामले में ईडी एक और नोटिस भेज सकती है या फिर वारंट के लिए कोर्ट का रुख कर सकती है. अभी केजरीवाल के पास ईडी द्वारा किसी भी संभावित गिरफ्तारी को रोकने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने और अग्रिम जमानत मांगने का विकल्प भी है. ईडी इसी मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.