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Delhi Liquor Scam:ED ने कहा- सिसोदिया के खिलाफ मामला मनगढ़ंत नहीं, हमारे पास सबूत

Delhi Liquor Scam: सुप्रीम कोर्ट में आज (5 अगस्त) AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत से जुड़ी दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। एक याचिका CBI की जांच वाले भ्रष्टाचार मामले में है

Delhi Liquor Scam: सुप्रीम कोर्ट में आज (5 अगस्त) AAP नेता मनीष सिसोदिया की जमानत से जुड़ी दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। एक याचिका CBI की जांच वाले भ्रष्टाचार मामले में है। वहीं, दूसरी ED की जांच वाले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में है। दोनों याचिकाएं शराब नीति केस में जमानत से जुड़ी हुई हैं। कोर्ट में ED ने मनीष की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं जो यह दर्शाते हैं कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया शामिल हैं। यह कोई मनगढ़ंत मामला नहीं है।

मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने की। ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं। सिसोदिया की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे।

दिल्ली पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया ने शराब नीति घोटाल से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में जमानत मांगी है। उनका कहना है कि वे 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ अभी तक केस शुरू नहीं हुआ है।

17 महीने से जेल में हैं मनीष

पिछली सुनवाई (29 जुलाई) में ED ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई 5 अगस्त तक के लिए टाल दी थी।

ED की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने सिसोदिया की याचिकाओं पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जून के आदेश ने सिसोदिया को केवल ट्रायल कोर्ट में नई जमानत याचिका दायर करने का अधिकार दिया था, सुप्रीम कोर्ट में नहीं।

इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजय कुमार ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई टल गई थी। ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज हो चुकी हैं।

सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा है कि अक्टूबर, 2023 से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है, बिना केस के वे 17 महीने से जेल में हैं। इसलिए जमानत की मांग वाली पिछली याचिका पर फिर से विचार किया जाना चाहिए।

CBI ने 26 फरवरी 2023 को शराब नीति केस से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, ED ने 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। मनीष तब से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं।

शराब नीति घोटाला और सिसोदिया का कनेक्शन, 5 पॉइंट्स

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई

दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा

8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया

एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया

विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया

सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

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