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Diwali Puja 2024:दिवाली पर जरूर करें लक्ष्मी-गणेश जी की आरती, इन मंत्रों का भी करें जप

Diwali Puja 2024: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करना बेहद शुभ फलदायक होता है। साथ ही इस दिन आपको लक्ष्मी गणेश के मंत्रों का जप भी करना चाहिए।

Diwali Puja 2024: दिवाली का पावन त्योहार इस बार 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा के लिए समर्पित है। यदि आप विधि-विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं, तो आपके जीवन की आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है और आपके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा की तैयारी, विधि और आवश्यक मंत्रों के बारे में।

पूजा की तैयारी

दिवाली के अवसर पर पूजा स्थल की सफाई करना महत्वपूर्ण है। कई लोग पहले से ही घर और पूजा स्थल को साफ कर लेते हैं, लेकिन दिवाली के दिन पूजा से पहले गंगाजल का छिड़काव करना न भूलें। इसके बाद, पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।

  1. मूर्ति या चित्र की स्थापना:
    • चौकी पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों या चित्रों को स्थापित करें। ध्यान रखें कि गणेश जी की मूर्ति मां लक्ष्मी की दाहिनी ओर हो।

संकल्प लेना

हिंदू धर्म में किसी भी पूजा से पहले संकल्प लेना आवश्यक माना जाता है। दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा से पहले संकल्प लें। संकल्प में अपनी मनोकामनाओं को स्पष्ट करें और पूजा का उद्देश्य बताएं।

लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि

  1. धूप दीप जलाएं: पूजा की शुरुआत धूप और दीप जलाकर करें।
  2. गणेश जी की पूजा: पहले गणेश जी की पूजा करें, क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं। उन्हें सिंदूर, अक्षत, पुष्प और मिठाई अर्पित करें।
  3. लक्ष्मी जी की पूजा: इसके बाद लक्ष्मी जी का पूजन करें। उन्हें गुलाब का पुष्प, अक्षत, सिंदूर, हल्दी और चावल अर्पित करें।
  4. कमल का फूल: लक्ष्मी जी को कमल का फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, पांच पान के पत्ते भी अर्पित करें।
  5. कुबेर देव की पूजा: लक्ष्मी-गणेश पूजन के साथ कुबेर देव की पूजा भी करें।

मंत्र जप और आरती

पूजा के दौरान लक्ष्मी और गणेश जी के मंत्रों का जाप करें। कुछ महत्वपूर्ण मंत्र इस प्रकार हैं:

  • लक्ष्मी जी: “ॐ महालक्ष्म्यै नमः”
  • गणेश जी: “ॐ गं गणपतये नमः”

पूजा के अंत में, लक्ष्मी और गणेश जी की आरती अवश्य करें। आरती करने से पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है और इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी के इन मंत्रों का भी करें जप

गणेश मंत्र

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥


लक्ष्मी मंत्र

ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः॥
ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा॥


माता लक्ष्मी की आरती

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दोहा -
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् दयानिधे।।

पद्मालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं च सर्वदे।
सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं।।


गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥


निष्कर्ष

दिवाली का पर्व केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है जब हम अपने जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली को आमंत्रित कर सकते हैं। उपरोक्त विधियों और मंत्रों का पालन कर आप इस दिवाली को और भी खास बना सकते हैं। मां लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। Zoom News एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।

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