Jammu-Kashmir News:उमर अब्दुल्ला के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, पहली बैठक में स्टेटहुड का प्रस्ताव पास

11:04 AM Oct 18, 2024 | zoomnews.in

Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में नई सरकार का गठन हो गया है और इसके साथ ही मंत्रियों के विभागों का भी बंटवारा कर दिया गया है। कुल 24 विभागों को पांच मंत्रियों के बीच बांटा गया है, जबकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाकी विभाग अपने पास रखे हैं। इस सरकार के गठन के साथ ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास किया गया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को सबसे अधिक सात विभागों की जिम्मेदारी दी गई है, जो उनकी राजनीतिक काबिलियत को दर्शाता है।

मंत्रियों के विभागों का बंटवारा

उमर अब्दुल्ला की नई सरकार में पांच मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कुछ इस प्रकार हुआ है:

  1. सुरेंद्र चौधरी (डिप्टी सीएम): उन्हें इंड्रस्टीज, रोड्स एंड बिल्डिंग्स (R&B), माइनिंग, लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट और स्किल डेवलपमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह विभाग राज्य के औद्योगिक और श्रम विकास के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

  2. सकीना इतू: उन्होंने हेल्थ, स्कूल एजुकेशन, हायर एजुकेशन और सोशल वेलफेयर विभागों की जिम्मेदारी संभाली है, जो कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।

  3. जावेद राणा: जलशक्ति, फॉरेस्ट, ट्राइबल अफेयर्स और एनवायरनमेंट जैसे विभाग जावेद राणा को मिले हैं। इन विभागों के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधनों का उचित प्रबंधन शामिल है।

  4. जावेद अहमद डार: उन्हें एग्रीकल्चर प्रोडक्शन, रूरल डेवलपमेंट, पंचायती राज, कोऑपरेटिव और चुनाव विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। ये विभाग राज्य के ग्रामीण विकास और किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

  5. सतीश शर्मा: फूड, सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स, ट्रांसपोर्ट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, यूथ सर्विसेज एंड स्पोर्ट्स और एआरआई एंड ट्रेनिंग विभाग सतीश शर्मा को सौंपे गए हैं। इन विभागों के जरिए वह राज्य के युवा और तकनीकी क्षेत्र को प्रोत्साहित करेंगे।

पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास

उमर अब्दुल्ला की सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। गुरुवार को श्रीनगर में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस प्रस्ताव को पास किया, जिसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाएगा, जिसे 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था।

जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण

उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी ने भी 29 सीटों पर कब्जा जमाया, जो पिछली बार की 25 सीटों से अधिक थी। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समीकरण बदलने वाले साबित हुए हैं, क्योंकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यह पहला मौका था जब राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत विधानसभा चुनाव हुए।

उमर अब्दुल्ला का दूसरा कार्यकाल

उमर अब्दुल्ला के लिए मुख्यमंत्री के रूप में यह दूसरा कार्यकाल है। इससे पहले उन्होंने 2009 से 2015 तक मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी थी। इस बार उनकी चुनौतियां और जिम्मेदारियां और भी अधिक हैं, क्योंकि उन्हें न केवल राज्य की राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखना है, बल्कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की दिशा में भी काम करना है।

इस नई सरकार के गठन के साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी और राज्य की जनता को बेहतर प्रशासन का अनुभव होगा।