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Maharashtra Election 2024:RSS का वो मास्टर प्लान जिसने BJP को दिलाई महाराष्ट्र में बंपर जीत?

Maharashtra Election Result: लोकसभा चुनावों में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे आरएसएस बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी एक प्रमुख कारण था. माना जाता ह

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की चुनावी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 288 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी-नीत महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 230 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, और एनसीपी के गठबंधन को महज 46 सीटें ही मिल सकीं।


आरएसएस का प्रभावशाली अभियान

चुनाव से पहले आरएसएस ने महाराष्ट्र में बीजेपी के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया। यह अभियान न केवल पार्टी के पक्ष में समर्थन जुटाने में कारगर साबित हुआ, बल्कि स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों को लोगों तक पहुंचाने में भी सफल रहा।

छोटे समूहों के साथ चर्चा

आरएसएस ने छोटे-छोटे समूह बनाकर व्यापक स्तर पर जनसंपर्क किया। ये टीमें राज्य के हर हिस्से में लोगों से जुड़ीं और स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से परिवारों तक पहुंचीं। हालांकि, इन बैठकों में बीजेपी का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया, लेकिन चर्चा के केंद्र में राष्ट्रीय हित, हिंदुत्व, सुशासन, और विकास जैसे मुद्दे रहे।

मतदाता जागरूकता बढ़ाने पर जोर

सूत्रों के मुताबिक, संघ कार्यकर्ताओं ने मतदाता जागरूकता बढ़ाने और जनमत तैयार करने के लिए परिवारों, मोहल्लों और स्थानीय समुदायों में सक्रिय भूमिका निभाई। यह रणनीति इतनी प्रभावी रही कि बीजेपी को सत्ता विरोधी लहर के बावजूद शानदार जीत मिली।


देवेंद्र फडणवीस और संघ का समन्वय

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार किया कि विधानसभा चुनावों में "वोट जिहादियों" और "अराजकतावादियों" से लड़ने के लिए उन्होंने आरएसएस से मदद मांगी थी। चुनावों के बाद फडणवीस ने नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर रणनीतिक दिशा पर चर्चा की।

लोकसभा के प्रदर्शन से सबक

बीजेपी ने महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधानसभा चुनावों के लिए आरएसएस का मार्गदर्शन और सहयोग महत्वपूर्ण हो गया। संघ के संपर्क और संगठन कौशल ने चुनाव प्रचार को नई धार दी।


केंद्रीय नेताओं की प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महायुति की इस ऐतिहासिक जीत को महाराष्ट्र की जनता की "भरोसे की जीत" बताया। उन्होंने राज्य की समग्र प्रगति और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।


हरियाणा से मिली प्रेरणा

महाराष्ट्र चुनाव में आरएसएस की रणनीति हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 से प्रेरित थी। हरियाणा में संघ ने 1.25 लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठकें आयोजित की थीं, जिससे सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई थी। महाराष्ट्र में इसी मॉडल को अपनाते हुए संघ कार्यकर्ताओं ने व्यापक स्तर पर लोगों से जुड़कर बीजेपी की जीत सुनिश्चित की।


आरएसएस की ताकत और बीजेपी का भविष्य

आरएसएस की यह रणनीति बीजेपी के लिए सिर्फ एक सहयोग नहीं, बल्कि एक मजबूत आधार साबित हुई है। लोकसभा चुनावों के दौरान कार्यकर्ताओं के मनोबल में कमी का जो प्रभाव देखने को मिला था, उसे इस बार आरएसएस के समर्थन ने खत्म कर दिया।

चुनौती और अवसर

हालांकि, बीजेपी को भविष्य में यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी संगठन और कार्यकर्ता लंबे समय तक उत्साहित और प्रेरित बने रहें। संघ के सहयोग के बिना चुनावी सफलता का यह सिलसिला बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।


निष्कर्ष

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत ने यह स्पष्ट कर दिया कि आरएसएस का समर्थन पार्टी की चुनावी रणनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है। संघ की जमीनी पकड़ और सुव्यवस्थित संपर्क अभियान ने बीजेपी को न केवल सत्ता में बनाए रखा, बल्कि उसे और मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। यह जीत न केवल बीजेपी की राजनीतिक सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि पार्टी और संघ का सामंजस्य भारतीय राजनीति में एक अनूठा उदाहरण है।

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