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US Presidential Election:ट्रंप के साथ बहस में भद्द पिटने के बाद भी बाइडेन चुनाव लड़ने पर अड़े, कमला हैरिस का मिला साथ

US Presidential Election: डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस में बुरी तरह भद्द पिटने के बावजूद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है और कहा है कि उन्हें देश के शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ने से कोई नहीं रोक सकता।

US Presidential Election: अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बहस में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी राष्ट्रपति जो बाइडेन चुनाव लड़ने पर अड़ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, बाइडेन को अपनी मुहिम में कमला हैरिस का भी साथ मिला है। बाइडेन ने चुनाव लड़ने की तैयारियों पर उठ रहे सवालों और दावेदारी को वापस लेने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर बढ़ रहे दबाव को खारिज कर दिया है। उन्होंने बुधवार को फिर से चुनाव लड़ने का संकल्प लिया और कहा कि राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर करने के लिए उन्हें मजबूर नहीं किया जा सकता।

‘कोई भी मुझे इससे नहीं हटा सकता’

बाइडेन ने जोर देकर कहा, ‘मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मैं डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार हूं। कोई भी मुझे इससे नहीं हटा सकता।’ इस पूरे घटनाक्रम से परिचित 3 लोगों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के बुलावे पर बाइडेन और हैरिस दोनों ही अचानक पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान संक्षिप्त और उत्साह बढ़ाने वाली बातचीत हुई, इसमें चुनाव के दांव-पेंच पर जोर दिया गया और पिछली बहस के बाद बाइडेन की टिप्पणियों पर विचार किया गया। बाइडेन ने बहस के बाद कहा था कि भले ही वह पिछड़ गये हों लेकिन वह फिर से वापसी करेंगे।

बाइडेन की क्षमता पर उठ रहे सवाल

बाइडेन और उनके शीर्ष सहयोगियों द्वारा बहस के बाद की गई टिप्पणी कैपिटल हिल और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की बढ़ती चिंता को दूर करने के प्रयासों में से एक माना जा रहा है। बहस में खराब प्रदर्शन को लेकर व्हाइट हाउस के कर्मचारियों और खुद बाइडेन की ओर से दिये गये स्पष्टीकरण से डेमोक्रेट असंतुष्ट हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि बाइडेन को अपने लचर प्रदर्शन को लेकर उठ रहे सवालों को बहुत पहले ही भांप लेना चाहिए था और उन्होंने दौड़ में बने रहकर खुद को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। डेमोक्रेट पार्टी के कई नेताओं ने नवंबर में होने वाले चुनाव में बाइडेन की जीत की संभावना तो दूर दौड़ में बने रहने की उनकी क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं।

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