Delhi NCR AQI: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। खराब होती वायु गुणवत्ता को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण 3 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। इसके तहत, स्कूलों, वाहनों, कंस्ट्रक्शन और दफ्तरों को लेकर कई सख्त कदम उठाए गए हैं।
प्रदूषण से बच्चों और दफ्तरों पर असर
- हाईब्रिड मोड में स्कूल: दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को 5वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।
- डिजल वाहनों पर रोक: राजधानी में डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- कंस्ट्रक्शन पर पाबंदी: क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
- दफ्तरों में 50% क्षमता: निजी कार्यालयों को सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों की केवल 50% उपस्थिति सुनिश्चित करें और बाकी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दें।
ग्रैप 3 लागू: क्या हैं मुख्य पाबंदियां?
दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, और गौतमबुद्ध नगर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रैप 3 के तहत निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
- सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक।
- डीजल चालित हल्के वाहनों की आवाजाही बंद।
- वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए पानी का छिड़काव।
- कचरा जलाने पर कड़ी कार्रवाई।
- उद्योगों पर सख्त निगरानी।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि प्रदूषण से संबंधित सुनवाई केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगी।
- देशभर के प्रदूषित शहरों पर ध्यान: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण केवल दिल्ली की समस्या नहीं है। केंद्र सरकार से देशभर के प्रमुख प्रदूषित शहरों के आंकड़े पेश करने को कहा गया है।
- दिल्ली सरकार को फटकार: ठोस कचरा प्रबंधन से संबंधित ठोस कार्य योजना न प्रस्तुत करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई गई।
- चीफ सेक्रेट्री तलब: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री को 19 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय दृष्टिकोण से समाधान की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या अन्य प्रदूषित शहरों में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन जैसी व्यवस्था बनाई जा सकती है। यह आयोग दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए एक प्रभावी संस्था के रूप में काम करता है।
प्रदूषण के पीछे मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, वायु प्रदूषण में वृद्धि के पीछे निम्नलिखित कारण हैं:
- पराली जलाने का प्रभाव।
- निर्माण कार्य और धूल।
- वाहनों से होने वाला उत्सर्जन।
- ठंड के मौसम में हवा का थम जाना।
- औद्योगिक प्रदूषण।
क्या है समाधान?
- जनता की भागीदारी: प्रदूषण कम करने के लिए हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी, जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग और कचरा जलाने से बचना।
- स्थायी समाधान: सरकार को दीर्घकालिक योजनाओं जैसे स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, हरियाली बढ़ाने और सख्त प्रदूषण नियंत्रण नीतियों को लागू करना होगा।
- प्रदूषण नियंत्रण तकनीक: उद्योगों और वाहनों में प्रदूषण घटाने वाली तकनीकों को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर का गंभीर वायु प्रदूषण न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय समस्या बन गया है। बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार की सक्रियता से उम्मीद है कि ठोस कदम उठाए जाएंगे। लेकिन जब तक शासन, उद्योग और नागरिक मिलकर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक इस संकट से निजात पाना मुश्किल है।