Lok Sabha Election: अभी हाल में ही कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बगावती तेवर दिखाते हुए पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच सीट बंटवारे में पूर्णिया सीट आरजेडी के खाते में गई थी। पप्पू यादव के नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस का भी बयान सामने आया है। बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव के नामांकन को लेकर पार्टी की स्थिति साफ करते हुए कहा कि पूर्णिया से किसी को टिकट नही दिया गया है। अगर पप्पू यादव ने पर्चा दाखिल किया है तो वे महागठबंधन के नेता नही होंगे।
नामांकन में नहीं पहुंचा था कांग्रेस का कोई नेता
असंतुष्ट कांग्रेस नेता मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए पहुंचे। पप्पू यादव जब आरओ कार्यालय पहुंचे तो वहां कोई भी कांग्रेस नेता मौजूद नहीं था। अपना नामांकन दाखिल करने से कुछ क्षण पहले उन्होंने कहा कि मैं अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहूंगा। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने ने कहा, ‘‘मुझे कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। मैं एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं। कई लोगों ने मेरी राजनीतिक हत्या करने की साजिश रची।
हाल में ही अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किए थे पप्पू यादव
पप्पू यादव ने हाल में ही बेटे सार्थक के साथ 2015 में स्थापित की गयी अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी का विलय कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के टिकट पर मधेपुरा लोकसभा सीट जीतने के एक साल बाद ही पार्टी से नाता तोड़ते हुए जन अधिकार पार्टी बनाई थी। पूर्णिया और मधेपुरा के साथ सुपौल सीट महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे के तहत आरजेडी के खाते में चली गई। इससे उनकी सुपौल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की योजना विफल हो गई। सुपौल सीट का प्रतिनिधित्व पहले उनकी पत्नी रंजीत रंजन करती थीं।
5 सीटों पर 86 उम्मीदवारों का नामांकन
बता दें कि बिहार की पांच लोकसभा सीटों के लिए कुल 86 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, सबसे अधिक 21 उम्मीदवारों ने भागलपुर के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है, उसके बाद कटिहार में 20, बांका में 19, किशनगंज में 15 और पूर्णिया में 11 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया है। किशनगंज में मौजूदा कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं जबकि जदयू ने 2019 के उपविजेता मुजाहिद आलम को टिकट दिया है।