Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच शनिवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला है. दरअसल, नीतिगत फैसलों पर आपस में मंत्रियों की तीखी बहस हो गई, जिसके बाद मंत्री जगत नेगी और रोहित ठाकुर बीच में ही बैठक छोड़कर बाहर चले गए. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है.
हालांकि डैमेज कंट्रोल करने के लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री आगे आए और उन्होंने इस हाई वोल्टेज ड्रामे को शांत करवाया, जिसके बाद दोनों मंत्री बैठक में वापस लौटकर आए. राजस्व मंत्री जगत नेगी ने सफाई देते हुए कहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बैठक के लिए सुबह 11 बजे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन बैठक दोपहर करीब 12.30 बजे शुरू हुई. सीएम किसी और काम व्यस्त थे इस वजह से बैठक में देरी हुई. उन्होंने आगे कहा कि बैठक में हो रही देरी के चलते वह बाहर चले गए थे.
रोहित ठाकुर ने किया अलग दावा
वहीं, रोहित ठाकुर का कहना है कि उन्होंने कुछ देर के लिए बैठक इस वजह से छोड़ी थी क्योंकि बाहर उनसे कोई मिलने आया था. वह बाद में बैठक में दोबारा शामिल हुए. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों मंत्रियों के बैठक छोड़कर जाने से पहले कुछ नीतिगत फैसलों पर तीखी बहस हुई. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने घटना का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति अनुकूलता और समझौते का खेल है. पार्टी के हित में अच्छी समझ होनी चाहिए.
‘सुक्खू सरकार में कांग्रेस के 9 और विधायक घुटन कर रहे महसूस’
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के लिए उस समय संकट खड़ा हो गया था जब कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट कर दिया. इसके बाद ये विधायक बागी हो गए. कयास लगाए जाने लगे कि सूबे की कांग्रेस सरकार गिर जाएगी, लेकिन जैसे-तैसे सरकार को बचाया गया. सीएम सुक्खू लगातार कहते रहे हैं कि उनकी सरकार पांच साल चलेगी. सूबे में खड़े हुए राजनीतिक संकट की आग बुझाने के लिए कांग्रेस की सरकार कोशिश में जुटी हुई है. हालांकि, कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सुक्खू के काम करने के तरीके से पार्टी के 9 और विधायक घुटन महसूस कर रहे हैं, ये सभी विधायक उनके संपर्क में हैं.