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Delhi Liquor Scam:सीएम केजरीवाल ED के सामने फिर पेश नहीं होंगे, भेजा ये जवाब

Delhi Liquor Scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. उन्होंने जवाब भेजा है. जांच एजेंसी ने शराब घोटाले मामले में केजरीवाल को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. केजरीवाल ने तीसरी बार ईडी के समन को नजरअंदाज किया

Delhi Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन, वह एक बार फिर पेश नहीं होंगे. उन्होंने जवाब भेजा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने नोटिस को गैरकानूनी बताया है. सवाल उठाया है कि समन चुनाव से पहले ही क्यों मिला. ईडी ने इससे पहले 2 नवंबर और 21 दिसंबर को भी केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था.

आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल ईडी की जांच में सहयोग करने को तैयार हैं. लेकिन ईडी का नोटिस गैरकानूनी है. इनकी नीयत केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है. ये केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकना चाहते हैं. चुनाव के ठीक पहले ही नोटिस क्यों जारी हुआ.

कब-कब पेश होना था?

ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े धन सोशन मामले में केजरीवाल को पूछताछ के लिए तीन जनवरी को बुलाया था. इससे पहले आप की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मंगलवार को कहा था कि अरविंद केजरीवाल को ईडी की ओर से जारी समन पर पार्टी कानून के मुताबिक कदम उठाएगी. आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को ईडी की ओर से यह तीसरा नोटिस है. इससे पहले 2 नवंबर और 21 दिसंबर को भी समन जारी किए थे, लेकिन केजरीवाल ने पेश होने से इनकार कर दिया था. केजरीवाल ने ईडी के पहले के समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताया था.

पिछले साल अप्रैल में दिल्ली के मुख्यमंत्री से मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की थी. हालांकि, पिछले साल अगस्त में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है. इसी मामले में आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और एक अन्य नेता संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है.

ई़डी द्वारा पहला समन जारी किए जाने के बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को पूछताछ के बाद एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा. आप के कई नेताओं ने भी इसी तरह के बयान जारी किए हैं. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 50 के तहत मुख्यमंत्री को तलब किया है.

अधिनियम की धारा 50 कहती है कि जिस किसी को भी बुलाया जाएगा वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए बाध्य होगा, और यह बताने के लिए बाध्य होगा जिस विषय पर उनकी जांच की जा रही है, उससे संबंधित किसी भी विषय पर सच्चाई, या बयान देना, और ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करना जो आवश्यक हो सकते हैं.

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