Uttar Pradesh News:संभल में मस्जिद के सर्वे पर बवाल, उग्र भीड़ ने वाहनों में लगाई आग, कई पुलिसकर्मी घायल

12:55 PM Nov 24, 2024 | zoomnews.in

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हालात बिगड़ गए। हिंदू पक्ष द्वारा इस मस्जिद को हरिहर मंदिर का दावा किए जाने के बाद अदालत के आदेश पर आज सर्वे किया जा रहा था। जैसे ही सर्वे टीम मस्जिद पहुंची, बड़ी संख्या में लोग बाहर इकट्ठा हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उपद्रवियों ने पुलिस की टीम पर पथराव कर दिया और सड़क पर आगजनी की। इस उपद्रव के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की।

इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया, और संभल के डीएम, एसपी और पांच थानों की पुलिस को मौके पर तैनात किया गया। पुलिस अधिकारियों ने शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी तरह के उपद्रव फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पथराव की घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ उपद्रवी पुलिसकर्मियों को निशाना बनाते हुए पथराव करते नजर आ रहे हैं।

मस्जिद का सर्वे अदालत के आदेश पर हो रहा था। 19 नवंबर को रात में मस्जिद का सर्वे हुआ था, और आज 24 नवंबर को भी यह प्रक्रिया जारी थी। मस्जिद कमेटी ने सर्वे के लिए अपनी सहमति दी थी, और सर्वे दोनों पक्षों की मौजूदगी में किया जा रहा था। हालांकि, जैसे ही सर्वे टीम मस्जिद के पास पहुंची, आसपास के इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई, और कुछ लोगों ने इस प्रक्रिया का विरोध शुरू कर दिया। अधिकारियों ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे स्थिति और भी उग्र हो गई।

सर्वे के दौरान इलाके की सड़क पर चप्पलें पड़ी हुई थीं, और कई दुकानें बंद नजर आईं। बाजार में सन्नाटा था और लोगों में भय का माहौल था। पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ वीडियो फुटेज के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है, और कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। पुलिस अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

यह घटना एक बार फिर से साबित करती है कि धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर विवाद बढ़ने से समाज में तनाव पैदा हो सकता है। पुलिस और प्रशासन की तरफ से शांति बनाए रखने की कोशिशों के बावजूद, इस तरह की घटनाएं समाज के विभिन्न वर्गों के बीच विभाजन को बढ़ावा देती हैं। सभी पक्षों को कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए शांतिपूर्वक इस विवाद का समाधान निकालने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।