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Lok Sabha Election:भाई ने ठोका कन्नौज सीट पर दावा, अखिलेश यादव अब क्या करेंगे?

Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान हो जाने के बाद भी समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बना हुआ है. अखिलेश यादव कहां से चुनाव लड़ेंगे पार्टी की ओर से अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं

Lok Sabha Election: अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे या नहीं, अगर लड़ेंगे तो फिर कहां से? इसका फैसला मंगलवार को हो सकता है. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछला लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से जीता था. तीन साल बाद विधायक चुने जाने पर उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. फिर आजमगढ़ में चुनाव हुआ, पर बीजेपी जीत गई. तब धर्मेन्द्र यादव समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार थे. इस बार भी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने उन्हें ही टिकट दिया है. धर्मेन्द्र यादव को पहले बदायूं से टिकट मिला था. बाद मैं अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव को टिकट दे दिया.

अखिलेश यादव ने मंगलवार 2 अप्रैल को कन्नौज में समाजवादी पार्टी की बैठक बुलाई है. इसमें पार्टी के सभी जिम्मेदार नेताओं को बुलाया गया है. मीटिंग का एजेंडा है लोकसभा उम्मीदवार का नाम फाइनल करना. इसके लिए पार्टी नेताओं से उनकी राय ली जाएगी. पिछली बार कन्नौज से अखिलेश यादवों की पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा था. तब बीजेपी के सुब्रत पाठक जीत गए थे. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल मैनपुरी से सांसद बनी.

अखिलेश यादव ने अब तक पत्ते नहीं खोले

लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर अखिलेश यादव ने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं. आजमगढ़ और मैनपुरी से उन्होंने पहले ही भाई और पत्नी को टिकट दे दिया है. अगर वो चुनाव लड़ना चाहते हैं तो फिर कन्नौज ही इकलौता विकल्प बचता है. सूत्रों का दावा है कि इस बार अखिलेश चुनाव न लड़ने के पक्ष में हैं. अपने करीबी नेताओं संग बैठकों में अखिलेश इस तरह के संकेत भी दे चुके हैं, लेकिन कन्नौज के पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक बार बार अखिलेश से चुनाव लड़ने अपील करते रहे हैं.

तेज प्रताप कन्नौज से मांग रहे टिकट

अगर अखिलेश यादव चुनाव न लड़े तो फिर कन्नौज का टिकट किसे मिल सकता है. अभी दो नाम पर विचार जारी है. पहला नाम है अखिलेश यादव के चचेरे भाई तेज प्रताप यादव का. वे मैनपुरी से लोकसभा के सांसद रह चुके हैं. ये बात साल 2014 की है. तब मुलायम सिंह यादव मैनपुरी और आजमगढ़ से चुनाव जीते थे. फिर मैनपुरी की सीट उन्होंने छोड़ दी. उसके बाद से तेज प्रताप को चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिला. वे रिश्ते में लालू यादव के दामाद लगते हैं. तेज प्रताप लगातार अखिलेश यादव से टिकट की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनके नाम पर कोई फैसला नहीं हुआ है.

इन दो अन्य नामों पर भी चर्चा तेज

तेज प्रताप यादव उर्फ तेजू के अलावा रेखा वर्मा के नाम की भी चर्चा हैं. वे औरैया जिले की विधूना सीट से विधायक हैं. विधानसभा की बिधूना सीट अब कन्नौज लोकसभा में है. रेखा वर्मा लोध बिरादरी की है. वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य धनीराम वर्मा की बहू हैं. धनीराम वर्मा समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य थे. वे यूपी के विधानसभा अध्यक्ष भी रहे. लोध बिरादरी की नेता को टिकट देकर अखिलेश यादव उस इलाके में बीजेपी का खेल खराब करना चाहते हैं.

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