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Nitesh Narayan Rane:BJP के नितेश राणे का फिर से विवादित बयान, बोलें- 24 घंटे के लिए पुलिस हटा दो

Nitesh Narayan Rane: बीजेपी विधायक नितेश राणे ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. नितेश राणे ने कहा, पुलिसवालों को 24 घंटे की छुट्टी देता हूं, फिर हम अपनी ताकत

Nitesh Narayan Rane: बीजेपी विधायक नितेश राणे एक बार फिर अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में हैं। हाल ही में सांगली में उन्होंने एक बयान दिया, जिसमें कहा, "हम कह रहे हैं कि पुलिस वालों को एक दिन के लिए मैं छुट्टी देता हूं और फिर हम अपनी ताकत दिखाते हैं।" इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि आम जनता में भी हलचल मचा दी है।

गणेश उत्सव पर दी गई विवादित टिप्पणी

नितेश राणे का यह बयान उस समय आया जब महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। उन्होंने गणेश उत्सव के मौके पर भी एक विवादित भाषण दिया, जिसमें उन पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा। इस आरोप के चलते उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि 11 सितंबर को एक कार्यक्रम में उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया।

AIMIM के प्रवक्ता का पलटवार

नितेश राणे के बयान पर AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा, "अगर मैंने यही बात कही होती तो मैं जेल में होता। नितेश राणे बोलते हैं कि मुसलमानों को मस्जिद में घुसकर मारेंगे। अरे, आओ तो पहले, आओगे अपनी दो टांगों पर और जाएंगे स्ट्रेचर पर।" वारिस पठान ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी चुनावों के समय दंगे कराने की योजना बना रही है।

राणे का विवादित इतिहास

यह पहला मौका नहीं है जब नितेश राणे ने भड़काऊ बयान दिए हैं। इससे पहले अहमदनगर में भी उन्होंने कहा था कि यदि किसी ने रामगिरि महाराज के खिलाफ कुछ कहा, तो वे मस्जिदों में जाकर चुन-चुन कर मारेंगे। रामगिरि महाराज पर नासिक जिले में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान विवादित टिप्पणियां करने का आरोप था, जिसके बाद कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए।

राजनीतिक माहौल पर प्रभाव

नितेश राणे के इन बयानों ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बयान चुनावी माहौल में ध्रुवीकरण की कोशिशों का हिस्सा हो सकते हैं। बीजेपी और नितेश राणे जैसे नेताओं के इस तरह के बयानों से समाज में असमानता और तनाव बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

नितेश राणे का विवादित बयान एक बार फिर यह दर्शाता है कि राजनीति में संवेदनशील मुद्दों को कैसे भड़काऊ तरीके से उठाया जा सकता है। ऐसे बयानों के पीछे राजनीतिक लाभ की सोच और सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश साफ दिखाई देती है। अब देखना यह है कि क्या राणे के इस बयान का राजनीतिक असर पड़ता है या यह केवल एक और विवाद बनकर रह जाएगा।

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