Jharkhand Elections 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं, और जल्द ही चुनाव आयोग की ओर से मतदान की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। राजनीतिक दलों ने पहले से ही चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने झारखंड में अपने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। यह बैठक दिल्ली स्थित बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर आयोजित हुई, जो करीब 5 घंटे तक चली।
बैठक में वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा, झारखंड के कोर ग्रुप के अन्य प्रमुख नेता भी शामिल हुए। इस बैठक में आगामी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन और चुनावी रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद, देर रात तक असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आवास पर भी एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में झारखंड कोर ग्रुप की चर्चा रात 2 बजे तक चली।
उम्मीदवारों के नाम पर गहन मंथन
रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में झारखंड के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए 3-3 नामों का पैनल तैयार किया गया, जिन पर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा विचार किया गया। ज्यादातर विधानसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बन चुकी है। अब बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा, जो इस सप्ताह के अंत तक होने की संभावना है। इसके बाद, उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
जल्द हो सकती है पहली लिस्ट की घोषणा
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी झारखंड चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जल्द जारी कर सकती है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण सीटों के लिए तीन-तीन उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं। झारखंड में चुनाव नवंबर या दिसंबर में होने की संभावना है, और इसके लिए सभी दल तेजी से तैयारी कर रहे हैं।
इस बीच, मंगलवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं, जिसके बाद अब झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव की ओर ध्यान केंद्रित हो गया है। इन चुनावों के परिणाम बीजेपी के आगामी रणनीतिक कदमों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी झारखंड में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है। पिछली बार की तुलना में इस बार पार्टी ज्यादा संगठित होकर मैदान में उतर रही है। पार्टी नेतृत्व द्वारा लगातार झारखंड की राजनीतिक स्थिति पर नजर रखी जा रही है, और उम्मीदवारों के चयन में विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि क्षेत्रीय संतुलन और स्थानीय मुद्दों का समाधान किया जा सके।
अब देखना होगा कि बीजेपी की यह रणनीति झारखंड विधानसभा चुनावों में कितनी कारगर साबित होती है और किस तरह के उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं।