Rajasthan News:राजस्थान से बहुत बड़ी खबर, इन 9 जिलों को सरकार ने खत्म किया, कैबिनेट की बैठक में फैसला

06:01 PM Dec 28, 2024 | zoomnews.in

Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने शनिवार को एक ऐतिहासिक और बड़ा फैसला लिया। मुख्यमंत्री भजनलाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पूर्व गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए नौ जिलों और तीन संभागों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। इस फैसले ने प्रदेश की प्रशासनिक और राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है।

कौन से जिले हुए निरस्त?

कैबिनेट ने गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए जिन जिलों को निरस्त किया, वे हैं:

  • दूदू
  • केकड़ी
  • शाहपुरा
  • नीमकाथाना
  • गंगापुरसिटी
  • जयपुर ग्रामीण
  • जोधपुर ग्रामीण
  • अनूपगढ़
  • सांचौर

कौन से जिले रहेंगे बरकरार?

हालांकि, 20 नए जिलों में से आठ को यथावत रखने का निर्णय लिया गया है। ये जिले हैं:

  • बालोतरा
  • ब्यावर
  • डीग कुम्हेर
  • डीडवाना-कुचामन
  • कोटपुतली-बहरोड़
  • खेड़थल-तिजारा
  • फलोदी
  • सलूंबर

कुल जिलों और संभागों की संख्या

इस निर्णय के बाद, अब राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे। निरस्त किए गए तीन संभागों में शामिल हैं:

  • बांसवाड़ा
  • सीकर
  • पाली

ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन

सरकार ने ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का भी ऐलान किया है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक इकाइयों को पुनर्गठित किया जाएगा।

बेरोजगारी और शिक्षा पर फोकस

कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इस वर्ष राज्य सरकार एक लाख बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करेगी। साथ ही, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के स्कोर की वैधता को एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।

राजनीतिक हलचल तेज

गहलोत सरकार द्वारा चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले इन नए जिलों और संभागों का गठन किया गया था। इसे लेकर भजनलाल सरकार ने इसे "अव्यवहारिक और अपरिपक्व" निर्णय बताया। उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर ये बदलाव किए गए।

इस कदम को विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर गहलोत सरकार के फैसलों को पलटने जैसा है।

खाद्य सुरक्षा योजना में सुधार

राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को शामिल करने का निर्णय भी लिया है, जिससे राज्य के गरीब और वंचित वर्ग को राहत मिलेगी।

निष्कर्ष

भजनलाल शर्मा सरकार का यह निर्णय राजस्थान के प्रशासनिक ढांचे में व्यापक बदलाव का संकेत देता है। यह फैसला एक ओर प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने का दावा करता है, तो दूसरी ओर यह विपक्षी दल कांग्रेस के लिए राजनीतिक चुनौती बन गया है। आगामी चुनावों में यह मुद्दा राजस्थान की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।