Israel-Hezbollah War: हाल ही में, इजरायल और उसके पड़ोसी देशों के बीच तनाव में भारी वृद्धि देखी गई है। हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह की इजरायली हमले में मौत के बाद भी स्थिति शांत नहीं हो रही है, और इजरायल के सैन्य अभियानों में तेजी जारी है। इजरायल ने लेबनान में चरमपंथी गुट हिजबुल्लाह के ठिकानों पर कई हवाई हमले किए हैं, जिनमें नसरल्लाह की मृत्यु एक बड़ी घटना मानी जा रही है। इसके बावजूद, इजरायल ने अपने सैन्य हमले रोके नहीं हैं और मध्य-पूर्व के अन्य दुश्मन गुटों पर भी अपना आक्रामक रुख जारी रखा है।
बाइडन का मध्य-पूर्व में शांति की कोशिशों पर बयान
इस गंभीर स्थिति के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बयान में मध्य-पूर्व में पूर्ण युद्ध से बचने की अपील की है। वाशिंगटन के लिए एयरफोर्स वन विमान में सवार होते समय बाइडन ने रविवार को कहा कि वह जल्द ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात करेंगे। उनका कहना था, “हमें वास्तव में इसे रोकना है। मिडिल-ईस्ट में युद्ध को बढ़ने से रोकना अत्यंत आवश्यक है।” हालाँकि, बाइडन ने यह नहीं बताया कि नेतन्याहू से उनकी बातचीत कब होगी, लेकिन उनकी टिप्पणियों से स्पष्ट है कि अमेरिका एक व्यापक संघर्ष से बचने की कोशिश कर रहा है।
हिजबुल्लाह के लिए बड़ा झटका: नसरल्लाह की मौत
हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह की इजरायली हमले में मौत को इस चरमपंथी गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हिजबुल्लाह, जो ईरान समर्थित है, लंबे समय से इजरायल का दुश्मन रहा है और उसकी गतिविधियों पर इजरायल की नज़र रही है। नसरल्लाह की मृत्यु से हिजबुल्लाह कमजोर हो सकता है, लेकिन इससे इस क्षेत्र में तनाव घटने की उम्मीदें कम हैं।
अमेरिका ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नसरल्लाह की मौत को एक महत्वपूर्ण घटना माना है, परंतु उसने सावधानी से कदम उठाने की कोशिश की है। अमेरिका, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए प्रयासरत है, क्योंकि यह क्षेत्रीय संघर्ष ईरान के समर्थन वाले अन्य गुटों, जैसे कि हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों तक फैल सकता है।
हूती विद्रोहियों पर इजरायल का हमला
हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के आक्रमण के बाद अब इजरायली सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर भी हमला किया है। हूती विद्रोही, जो यमन में सक्रिय हैं और ईरान के समर्थन से संचालित होते हैं, इजरायल के लिए एक और बड़ा दुश्मन माने जाते हैं। रविवार शाम को इजरायली सेना ने कहा कि यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा हाल ही में इजरायल पर किए गए हमलों के जवाब में इजरायल ने यमन के होदेदा शहर में बड़े हवाई हमले किए हैं।
इजरायली हमले में यमन के बिजली संयंत्रों और समुद्री बंदरगाहों को निशाना बनाया गया, जो हूती विद्रोहियों के संचालन के महत्वपूर्ण केंद्र माने जाते हैं। इजरायल का यह कदम यह दर्शाता है कि वह अब अपने दुश्मनों को एक-एक करके निशाना बना रहा है, जिसमें हिजबुल्लाह, हमास और अब हूती विद्रोही भी शामिल हो गए हैं।
मध्य-पूर्व में शांति की संभावनाएं कम
मध्य-पूर्व में इजरायल के इन बढ़ते सैन्य अभियानों और उसके दुश्मनों के खिलाफ आक्रामकता से स्थिति और बिगड़ती जा रही है। नसरल्लाह की मौत से हिजबुल्लाह कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन इस घटना से क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की संभावना और भी बढ़ गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की शांति की अपील के बावजूद, इजरायल और उसके दुश्मनों के बीच संघर्ष की लपटें कम होती नहीं दिख रही हैं। अमेरिका ने हालांकि अपनी तरफ से इस तनाव को रोकने के प्रयास किए हैं, लेकिन यह साफ है कि इजरायल अपने सुरक्षा और दुश्मनों के खिलाफ आक्रामक रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
इस स्थिति में, मिडिल-ईस्ट में शांति की संभावनाएं कमजोर नजर आ रही हैं, और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष को एक व्यापक युद्ध में तब्दील होने से रोक पाते हैं या नहीं।