Indian Cricket Board: भारतीय क्रिकेट टीम को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। यह हार भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए काफी निराशाजनक रही, क्योंकि न केवल बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी विभाग भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। हालांकि, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया, लेकिन बाकी खिलाड़ी फ्लॉप साबित हुए। इस खराब प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई अब टीम के विदेशी दौरों को लेकर कई सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है।
विदेशी दौरों में खिलाड़ियों की पत्नियों की उपस्थिति पर लग सकती है सीमा
बीसीसीआई के प्रस्तावित फैसलों में से एक अहम कदम यह हो सकता है कि विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों की पत्नियों और परिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति को सीमित किया जाए। अगर यह फैसला लागू होता है, तो 45 दिन या उससे अधिक समय के दौरे पर खिलाड़ी अपनी पत्नी और परिवार को केवल दो हफ्ते तक साथ रख पाएंगे। अगर दौरा 45 दिन से कम का होगा, तो यह अवधि एक हफ्ते तक सीमित हो सकती है।
यह कदम खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से लिया जा रहा है। इसके अलावा, खिलाड़ियों को विदेशी दौरों के दौरान किसी अन्य वाहन का उपयोग करने से भी रोका जाएगा। उन्हें सिर्फ टीम बस का ही उपयोग करना होगा। हालांकि, यह देखा गया है कि कुछ खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के सदस्य कभी-कभी अन्य वाहन भी इस्तेमाल करते हैं।
टीम बस का उपयोग अनिवार्य करने की सिफारिश
विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों को टीम बस का उपयोग अनिवार्य रूप से करने की सिफारिश की जा रही है। बीसीसीआई की रिव्यू मीटिंग में इस पर चर्चा की गई थी कि कुछ मौकों पर खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ के सदस्य अन्य वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए बीसीसीआई के अधिकारियों ने कहा कि खिलाड़ियों और कोचों को हमेशा टीम बस का उपयोग करना चाहिए ताकि टीम की एकजुटता बनी रहे और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन हो सके।
रिव्यू मीटिंग के दौरान यह भी सामने आया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कोचिंग स्टाफ के एक वरिष्ठ सदस्य के पर्सनल मैनेजर को टीम बस में सफर करने की अनुमति दी गई थी। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निजी मैनेजर के टीम बस में सफर करने से एंटी करप्शन यूनिट के सदस्य सतर्क हो जाते हैं। भविष्य में इस पर सख्ती से रोक लगाने की योजना है।
खिलाड़ियों के सामान पर नया नियम लागू हो सकता है
एक अन्य प्रस्तावित नियम के तहत खिलाड़ियों के सामान के वजन पर भी सीमा लगाई जा सकती है। ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान एक रिजर्व खिलाड़ी की पत्नी ने अपने यूट्यूब चैनल के लिए एक वीडियो बनाया था, जिसमें टीम बस और टीम के बैकस्टेज दृश्य दिखाए गए थे। इस घटना के बाद बीसीसीआई अब खिलाड़ियों के सामान के वजन को लेकर भी सख्त नियम लागू कर सकता है।
बीसीसीआई का मानना है कि अगर किसी खिलाड़ी का सामान 150 किग्रा से अधिक होता है, तो उस अतिरिक्त वजन का भुगतान खिलाड़ी को खुद करना होगा। बीसीसीआई अतिरिक्त वजन का भुगतान नहीं करेगा। यह कदम खिलाड़ियों को अनावश्यक सामान ले जाने से रोकने के लिए उठाया जा सकता है।
खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदम
बीसीसीआई के इन प्रस्तावित फैसलों का उद्देश्य भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार करना है। ऑस्ट्रेलिया दौरे की हार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि खिलाड़ियों को विदेशी परिस्थितियों में बेहतर तैयारी की जरूरत है। बोर्ड का मानना है कि इन नियमों के लागू होने से खिलाड़ी अपनी प्राथमिकताओं पर अधिक ध्यान देंगे और बाहरी व्यवधानों से बचेंगे।
यह देखा गया है कि कई खिलाड़ी अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताने और निजी मैनेजरों के हस्तक्षेप के कारण अपने खेल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इन सख्त नियमों से न केवल टीम की एकजुटता बढ़ेगी, बल्कि खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक तैयारी में भी सुधार होगा।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा एक सीखने का अवसर बन गया है। बीसीसीआई अब इस हार से सबक लेते हुए ऐसे नियम बनाने पर विचार कर रहा है जो खिलाड़ियों की पेशेवर जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देंगे। विदेशी दौरों पर परिवार की उपस्थिति और निजी मैनेजरों के हस्तक्षेप को सीमित करना टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
अगर बीसीसीआई इन सख्त नियमों को लागू करता है, तो यह न केवल खिलाड़ियों की अनुशासनहीनता पर लगाम लगाएगा, बल्कि भविष्य में विदेशी दौरों पर भारतीय टीम की सफलता की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा।