Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल खालिस्तानी आतंकियों के निशाने पर हैं। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के मुताबिक, दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान कई राजनीतिक नेताओं को आतंकी टारगेट कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि माहौल बिगाड़ने के लिए आतंकी संगठन नेताओं पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है और नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है।
खुफिया एजेंसी का इनपुट: चुनाव के वक्त नेता निशाने पर
खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं पर खतरा बढ़ गया है। चुनावी रैलियों और जनसभाओं के दौरान आतंकी किसी भी तरह की साजिश रच सकते हैं।
खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि खालिस्तानी आतंकी इलेक्शन के दौरान माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं की जान को खतरा है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां लगातार समीक्षा बैठकें कर रही हैं और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, आतंकी भीड़भाड़ वाले इलाकों और जनसभाओं में धमाके या हमले की योजना बना सकते हैं। इसके लिए खासतौर पर ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी फुटेज और साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है।
दिल्ली में चुनावी सरगर्मी: सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस बीच, चुनावी माहौल को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया गया है।
दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है।
- आप (AAP) फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है।
- बीजेपी पिछले 1998 के बाद से दिल्ली की सत्ता से बाहर है और इस बार जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है।
- कांग्रेस भी वापसी की कोशिश में है।
चुनावी गहमागहमी के बीच राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इस मामले में कोई चूक नहीं करना चाहतीं।
गणतंत्र दिवस की तैयारियों के बीच कड़ा सुरक्षा घेरा
दिल्ली में चुनावी सरगर्मी के साथ-साथ गणतंत्र दिवस की तैयारियां भी जोरों पर हैं। सुरक्षा के लिहाज से यह समय और भी संवेदनशील हो गया है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजधानी में अर्धसैनिक बलों की 60 से अधिक कंपनियां और 10,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, “दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जा रही है। इसके अलावा, हर पुलिस अधिकारी को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दी जाएगी।”
भीड़भाड़ वाले इलाकों में सतर्कता बढ़ाई गई
राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे बाजार, मॉल, मेट्रो स्टेशन और रैलियों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस की टीमें नियमित रूप से गश्त कर रही हैं और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही हैं।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, क्राइम ब्रांच भी इस पूरी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल है।
- हथियार आपूर्तिकर्ताओं पर नजर रखी जा रही है।
- स्थानीय मुखबिरों के जरिए आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी जुटाई जा रही है।
- चुनावी रैलियों के दौरान हर पुलिसकर्मी को संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है।
साइबर हमलों का भी खतरा
सूत्रों के मुताबिक, केवल फिजिकल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि साइबर हमलों का खतरा भी है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि कई साइबर विशेषज्ञ अधिकारियों की भी तैनाती की जा रही है ताकि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखी जा सके।
किसी भी फेक न्यूज, संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि और डिजिटल प्रचार अभियान के जरिए अफवाह फैलाने की कोशिश को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है।
गणतंत्र दिवस और चुनावी रैलियों के दौरान हिंसा की आशंका
खुफिया एजेंसियों ने गणतंत्र दिवस और चुनावी प्रक्रिया के दौरान संभावित हिंसा और हथियारों के दुरुपयोग की आशंका जताई है।
ऐसे में दिल्ली पुलिस ने स्थानीय मुखबिर नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है। हथियार तस्करों और संदिग्धों की धरपकड़ के लिए छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।
क्या है खालिस्तानी आतंक का खतरा?
खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने पिछले कुछ समय में भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश की है। इन संगठनों के निशाने पर खासतौर पर पंजाब और दिल्ली के नेता रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि खालिस्तानी संगठन राजनीतिक माहौल को खराब करने के लिए चुनाव के दौरान आतंकी हमले कर सकते हैं। इन संगठनों को कुछ विदेशी ताकतों का भी समर्थन मिल रहा है, जो भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
नेताओं की सुरक्षा पर क्या बोले अधिकारी?
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हर जनसभा और रैली में पुलिस बल तैनात रहेगा। इसके अलावा, रैली स्थलों पर मेटल डिटेक्टर, बॉडी स्कैनर और कुत्तों की टीम की तैनाती की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी घटना को रोकने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं।
क्या कहता है चुनाव आयोग?
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है।
- किसी भी रैली के आयोजन से पहले पुलिस से अनुमति लेना अनिवार्य है।
- रैली स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
- भीड़ नियंत्रण और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए हर रैली में पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी।
निष्कर्ष
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है। खालिस्तानी आतंकियों द्वारा माहौल खराब करने की आशंका के चलते दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
गणतंत्र दिवस और विधानसभा चुनाव के दौरान संभावित हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियां लगातार अलर्ट पर हैं। दिल्ली में अब चुनावी मुकाबले के साथ-साथ सुरक्षा इंतजामों पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं।