UP Kanwar Yatra: यूपी में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के सामने नेम प्लेट लगाने के आदेश पर संग्राम छिड़ा हुआ है. इस पर कल तक तो नेताओं के बयान छन-छन कर आ रहे थे, वो वोटों की फसल काटने के लिए बयानों के बीज बो रहे थे, लेकिन अब बॉलीवुड सेलिब्रिटी और सेलिब्रिटी पॉलिटिशियन के बीच भी डायलॉगबाजी शुरू हो गई. यूपी सरकार के आदेश वाले विवाद में अब लखनऊ से करीब चौदह सौ किलोमीटर दूर मुंबई से अभिनेता सोनू सूद ने एंट्री ली है और उनको जवाब देने की जिम्मेदारी संभाल ली है. अभिनेत्री से सांसद बनी कंगना रनौत भी इसमें कुद पड़ीं. मुंबई वाले अभिनेता और मंडी लोकसभा क्षेत्र से जीतीं नेता सोशल मीडिया पर आमने-सामने आ गए.
सोनू सूद ने मानवता की याद दिलाई तो कंगना ने घेर लिया
तीन दिनों से चल रहे विवाद पर सोनू सूद ने कहा कि, हर दुकान पर केवल एक नेम प्लेट होनी चाहिए और वो है मानवता. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद कंगना रनौत ने जवाब दिया कि अब हलाल को भी मानवता से रिप्लेस किया जाना चाहिए.
दोनों के इस संवाद के बीच एक यूजर ने सोनू सूद को टैग करते हुए लिखा कि थूक लगी रोटी सोनू सूद को पार्सल की जाए, ताकि भाईचारा बना रहे ! इस पर सोनू सूद ने रिप्लाई किया. उन्होंने लिखा, हमारे श्री राम जी ने शबरी के जूठे बेर खाए थे तो मैं क्यों नहीं खा सकता, हिंसा को अहिंसा से पराजित किया जा सकता है मेरे भाई. बस मानवता बरकरार रहनी चाहिए.
कंगना रनौत ने सोनू सूद के इस पोस्ट पर भी प्रतिक्रिया दी और लिखा, अब सोनू जी भगवान और धर्म के बारे में अपने निजी निष्कर्षों पर आधारित रामायण का निर्देशन करेंगे. वाह क्या बात है बॉलीवुड से एक और रामायण. इस तू-तू मैं-मैं के बीच सोनू सूद को शायद ये बात समझ आ गई कि थूक वाले खाने को सही ठहराने से विवाद और बढ़ सकता है. ऐसे में उन्होंने फिर से एक पोस्ट किया.
‘इंसानियत को इंसानियत ही रहने दें दोस्त…’
अपने पोस्ट में सोनू सूद ने लिखा कि मैंने खाने में थूकने वालों को कभी सही नहीं बताया. वो उनका चरित्र है जो कभी नहीं बदलेगा. इसके लिए उन्हें कड़ी सजा भी दें, लेकिन इंसानियत को इंसानियत ही रहने दें दोस्त. यूपी सरकार के काम का मैं सबसे बड़ा प्रशंसक हूं. यूपी, बिहार का हर घर मेरा परिवार है.
कुल मिलाकर सरकार के फैसले से शुरू हुए विवाद में जो स्पेस अब तक सिर्फ नेताओं के पास था उसमें से कुछ हिस्सा अभिनेता भी लेने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि विवाद में अब भी नेताओं की हिस्सेदारी ज्यादा ही है और इसमें उन्हें वोट हासिल करने का स्कोप भी दिख रहा है. इसलिए नेताओं के बयानों का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है.
धर्मगुरु भी विवाद में कूद पड़े
हंगामा सिर्फ नेताओं ने ही नहीं खड़ा किया है बल्कि धर्मगुरु भी अपने बयानों से इस विवाद में कूद पड़े. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कांवड़ यात्रा के रास्ते में दुकानदारों के नेम प्लेट लगाने वाले आदेश की आलोचना की है. जमीयत उलमा-ए-हिंद अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा है कि धर्म की आड़ में राजनीति के नए खेल खेले जा रहे हैं, ये एक भेदभावपूर्ण और साम्प्रदायिक फैसला है, जिससे देश को नुकसान होगा. जबकि हिंदू धर्मगुरु कह रहे हैं कि नेम प्लेट लगाने में समस्या क्या है, वो भी तब जब ये सिर्फ सावन के महीने के लिए है.