Delhi News: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एमएलएएलएडी) फंड में 50% की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अब विधायकों को विकास कार्यों के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये के बजाय 15 करोड़ रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री आतिशी की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसे आम आदमी पार्टी ने स्थानीय विकास कार्यों में तेजी लाने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली का तीन गुना फंड
मुख्यमंत्री आतिशी ने इस फंड वृद्धि की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली में एमएलए फंड अब अन्य राज्यों की तुलना में तीन गुना हो गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में प्रति निर्वाचन क्षेत्र सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं, जबकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य 2 करोड़ रुपये प्रदान करते हैं। महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में भी यह फंड केवल 5 करोड़ रुपये तक सीमित है। ऐसे में दिल्ली सरकार का यह कदम विधायकों को ज्यादा संसाधन प्रदान करके स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विधायक फंड का उपयोग
एमएलएएलएडी फंड का मुख्य उद्देश्य स्थानीय क्षेत्र के विकास को गति देना है। इसके तहत विधायकों को सड़कों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था, पार्कों का विकास, सीवर लाइनें बिछाने जैसे कार्यों के लिए यह फंड प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि इस वृद्धि से विधायकों को अपने क्षेत्र में तेजी से काम करने में मदद मिलेगी, जिससे जनता को लाभ होगा।
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज का बयान
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में इस साल अत्यधिक बारिश हुई है, जिससे कई सड़कों, पार्कों और पैदल रास्तों को नुकसान पहुँचा है। इसके अलावा, कई इलाकों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या भी देखने को मिली। विधायकों ने इन मुद्दों को सरकार के ध्यान में लाया, और इस निधि वृद्धि से वे विभागीय प्रक्रियाओं में देरी के बिना जल्दी से राहत पहुंचा सकेंगे। भारद्वाज ने कहा कि इस कदम से स्थानीय समस्याओं का समाधान जल्द हो सकेगा, जो शहर के लिए अत्यंत जरूरी है।
विपक्ष का तीखा विरोध
हालांकि, दिल्ली सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा विरोध जताया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस कदम को "धोखे" के रूप में करार दिया। उनका आरोप है कि विधायक निधि में वृद्धि से विकास कार्यों पर खर्च करने की संभावना कम है और इसके बजाय इसका उपयोग भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लिए किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों, ठेकेदारों, और अधिकारियों द्वारा इस फंड का दुरुपयोग हो सकता है।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार द्वारा विधायक निधि में 50% की वृद्धि को जहां आम आदमी पार्टी ने विकास की दिशा में उठाया गया सकारात्मक कदम बताया है, वहीं विपक्ष ने इस फैसले की आलोचना की है। बढ़ा हुआ फंड किस हद तक स्थानीय विकास कार्यों को गति देगा, यह भविष्य में देखने को मिलेगा, लेकिन चुनाव से पहले यह कदम राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है।