Business News: भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पहले ही बन चुका है. वहीं जल्द ही ये दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर हैं. ऐसे में भारत जहां दुनिया की सबसे तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था है, तो वहीं अब इसका एक और सबूत एक्सपोर्ट डाटा के रूप में सामने आया है. अप्रैल में देश का टोटल एक्सपोर्ट 6.88 प्रतिशत बढ़ा है. किसी भी मजबूत अर्थव्यवस्था का पहला संकेत वहां के एक्सपोर्ट की मजबूती और व्यापार घाटे (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) का कम होना होता है. इसलिए भारत लगातार अपने एक्सपोर्ट को मजबूत करने में लगा है, और इसका असर भी दिख रहा है.
अप्रैल में भारत ने एक्सपोर्ट में गाड़े झंडे
वाणिज्य मंत्रालय के लेटेस्ट आंकड़ों को देखें तो एक्सपोर्ट के मामले में वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत शानदार रही है. अप्रैल 2024 में देश का टोटल एक्सपोर्ट (वस्तु और सर्विसेस ) 6.88 प्रतिशत बढ़ा है. इस साल अप्रैल में देश से कुल 64.56 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल में ये आंकड़ा महज 60.40 अरब डॉलर था.
अगर सिर्फ वस्तुओं के निर्यात को देखें तो इस साल अप्रैल में ये 1.08 प्रतिशत बढ़कर 34.99 अरब डॉलर रहा है. पिछले साल इसी महीने में यह 34.62 अरब डॉलर था. इसी तरह अप्रैल में सर्विसेस का एक्सपोर्ट 29.57 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. अप्रैल 2023 में यह 25.78 अरब डॉलर था.
इंपोर्ट में भी पीछे नहीं भारत
वैसे भारत का इंपोर्ट भी एक्सपोर्ट की तरह ही बढ़ रहा है, जो देश में डिमांड पुल को दिखाने का एक प्रमुख संकेत है. अप्रैल में देश का कुल इंपोर्ट 10.25 प्रतिशत बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अप्रैल 2023 में 49.06 अरब डॉलर था. इसमें सर्विसेस का इंपोर्ट 16.97 अरब डॉलर रहा है. ये पिछले साल अप्रैल में 13.96 अरब डॉलर था.
किस सामान की आखिर कितनी रही सेल?
अगर हम भारत से होने वाले एक्सपोर्ट को अलग-अलग करके देखें तो इस साल अप्रैल में इलेक्ट्रॉनिक, केमिकल्स, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और दवाओं जैसे सेक्टर ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है. इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के एक्सपोर्ट में 25.8 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है. ये 2.65 अरब डॉलर रहा है. इसी तरह केमिकल्स का एक्सपोर्ट 16.75 प्रतिशत बढ़कर 2.50 अरब डॉलर, दवाओं का निर्यात 7.36 प्रतिशत बढ़कर 2.43 अरब डॉलर और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का निर्यात 3.10 प्रतिशत बढ़कर 6.62 अरब डॉलर रहा है.
व्यापार घाटा अब भी चिंता का विषय
भारत का एक्सपोर्ट भले बढ़ा है, लेकिन उसके इंपोर्ट में भी ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली है. इसलिए भारत का व्यापार घाटा अब भी चिंता का विषय है. तभी तो अप्रैल में व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर 19.1 अरब डॉलर रहा है. अप्रैल 2023 में व्यापार घाटा 14.44 अरब डॉलर था. इससे पहले दिसंबर 2023 में व्यापार घाटा 19.8 अरब डॉलर के उच्चस्तर पर रहा था.