J&K Election 2024: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जोरदार बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने आतंकवाद, पाकिस्तान और विपक्षी दलों पर सख्त टिप्पणी की है। चुनाव के संकल्प पत्र जारी करने के अगले दिन शाह ने जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति पर अपने विचार रखे और विरोधी पार्टियों पर सीधा हमला किया।
कांग्रेस और अब्दुल्ला परिवार पर हमला
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और फारुख अब्दुल्ला की सरकार को लेकर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस और अब्दुल्ला परिवार की सरकार कभी भी जम्मू-कश्मीर में नहीं बन सकती। शाह ने इस बात को भी लेकर अपने कार्यकर्ताओं को आम लोगों को सूचित करने का निर्देश दिया कि जिन्होंने हरि सिंह महाराजा का अपमान किया, ऐसे लोगों को जीतने का कोई हक नहीं है। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इन तीनों परिवारों ने भ्रष्टाचार की चरम सीमा को छुआ है।
अब्दुल्ला परिवार और आतंकवाद
अमित शाह ने अब्दुल्ला परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की गतिविधियाँ बढ़ती हैं, तब यह परिवार विदेश चला जाता है। उन्होंने जम्मू की जनता से अपील की कि वे नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को वोट न दें, क्योंकि इन दलों को जिताने से आतंकवाद फिर से बढ़ेगा, जम्मू-कश्मीर का विकास रुक जाएगा और लोगों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
विपक्ष की मंशा पर सवाल
शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे पत्थरबाजी और आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों को जेल से बाहर लाना चाहते हैं, जिससे घाटी का माहौल फिर से खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जम्मू, पुंछ और राजौरी जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों की शांति को भंग करना चाहते हैं, और यह चुनाव इसलिये महत्वपूर्ण है ताकि जनता इन हालात को बदल सके।
राज्य का दर्जा और विपक्ष की दावे
अमित शाह ने विपक्ष के जम्मू-कश्मीर को अलग राज्य का दर्जा देने के वादे पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता मेरी बातों को दोहरा रहे हैं, लेकिन राज्य का दर्जा देने का अधिकार केवल भारत सरकार के पास है। उन्होंने याद दिलाया कि 5 और 6 अगस्त को उन्होंने पहले ही कहा था कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलेगा।
पाकिस्तान को चेतावनी
अमित शाह ने पाकिस्तान को भी ललकारा, कहकर कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार भारतीय संविधान के तहत चुनाव हो रहे हैं और धारा 370 हटने के बाद यह चुनाव हो रहा है। शाह ने स्पष्ट किया कि जब तक जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं होती, तब तक पाकिस्तान से बातचीत नहीं हो सकती।
सरकार की प्रतिबद्धता और विकास की दिशा
अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में यहां एम्स, आईआईटी और कॉलेज जैसे महत्वपूर्ण संस्थान स्थापित किए गए हैं। शाह ने यह भी कहा कि 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में कमी आई है, और सरकार इस मुद्दे को जड़ से समाप्त करने के प्रयास में लगी हुई है।
अमित शाह का यह बयान जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित कर सकता है।