Gautam Adani News: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसमें न केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज बल्कि अडानी ग्रुप की कंपनियां भी बुरी तरह से प्रभावित हुईं। अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों को शेयरों में 2% से 4% तक की गिरावट का सामना करना पड़ा, जिससे ग्रुप के मार्केट कैप में कुल 31,047.2 करोड़ रुपये की गिरावट आई।
अडानी ग्रुप की कंपनियों पर मंदी का प्रभाव
अडानी इंटरप्राइजेज: अडानी इंटरप्राइजेज को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जिससे इसका मार्केट कैप 6,007.51 करोड़ रुपये घटकर 3,34,291.14 करोड़ रुपये रह गया।
अडानी पोर्ट एंड एसईजेड: इस कंपनी के मार्केट कैप में 9,731.43 करोड़ रुपये की गिरावट आई, जो कि अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों में सबसे अधिक है। इसका मार्केट कैप अब घटकर 2,91,402.74 करोड़ रुपये रह गया।
अडानी पावर: अडानी पावर को 4,686.18 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे इसका मार्केट कैप घटकर 2,25,553.79 करोड़ रुपये हो गया है।
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस: इस कंपनी का मार्केट कैप 1,339.43 करोड़ रुपये घटकर 1,15,971.83 करोड़ रुपये हो गया।
अडानी ग्रीन एनर्जी: अडानी ग्रीन एनर्जी को 3,318.55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसके बाद इसका मार्केट कैप 2,55,179.71 करोड़ रुपये पर आ गया।
अडानी टोटल गैस: अडानी टोटल गैस का मार्केट कैप 1,297.78 करोड़ रुपये घटकर 78,240.49 करोड़ रुपये हो गया।
अडानी विल्मर: अडानी विल्मर को 1,644.1 करोड़ रुपये की गिरावट का सामना करना पड़ा और इसका मार्केट कैप 43,058.35 करोड़ रुपये रह गया।
एसीसी लिमिटेड: अडानी की सीमेंट कंपनी एसीसी लिमिटेड के मार्केट कैप में 732.37 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई, जिससे इसका मार्केट कैप 42,987.32 करोड़ रुपये पर आ गया।
अंबुजा सीमेंट्स: अंबुजा सीमेंट्स के मार्केट कैप में 2,253.75 करोड़ रुपये की गिरावट आई, जिसके बाद यह घटकर 1,40,705.93 करोड़ रुपये हो गया।
एनडीटीवी: अडानी की मीडिया कंपनी एनडीटीवी को 36.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे इसका मार्केट कैप घटकर 1,048.3 करोड़ रुपये रह गया।
मंदी के कारण और असर
शेयर बाजार में इस मंदी के पीछे कई कारण हैं, जिनमें वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, ब्याज दरों में वृद्धि, और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली शामिल हैं। अडानी ग्रुप की कंपनियां, जिनकी बाजार में स्थिति मजबूत है, इस गिरावट का सामना कर रही हैं, लेकिन इससे भविष्य में निवेशकों की रणनीति और बाजार की स्थिति पर व्यापक असर पड़ सकता है।
आने वाले दिनों की संभावनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, अडानी ग्रुप की कंपनियां अपनी व्यावसायिक ताकत और विविधता के कारण भविष्य में स्थिरता हासिल कर सकती हैं। निवेशकों की नजर अब बाजार की आगे की स्थिति पर होगी, जिससे यह देखा जा सकेगा कि यह मंदी अस्थायी है या इसका लंबा असर पड़ेगा।