Gautam Adani News: जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा आयोजित जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स के 51वें एडिशन में उद्योग के कई दिग्गज शामिल हुए। इस अवसर पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
गौतम अडानी ने अपने संबोधन में भारतीय डायमंड इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति, उसके सामने आने वाली चुनौतियों, और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने अनुभव और विचार साझा करते हुए इंडस्ट्री को तीन प्रमुख मंत्र भी दिए।
भारतीय डायमंड इंडस्ट्री का वैश्विक परिदृश्य
गौतम अडानी ने भारतीय डायमंड और ज्वैलरी सेक्टर को वैश्विक बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बताते हुए कहा:
- दुनिया में कटिंग और पॉलिशिंग: वैश्विक बाजार में लगभग 26.5% डायमंड भारत में प्रोसेस किए जाते हैं।
- सिल्वर ज्वैलरी एक्सपोर्ट में हिस्सेदारी: भारत का योगदान 30% से अधिक है।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि हालिया वर्षों में इस सेक्टर को 14% की गिरावट का सामना करना पड़ा है।
अमेरिका का फैसला और भारतीय इंडस्ट्री पर प्रभाव
गौतम अडानी ने एक महत्वपूर्ण चुनौती का उल्लेख किया—अमेरिका द्वारा आर्टिफिशियल डायमंड (लैब-ग्रोन डायमंड) को वैध करार दिया जाना।
- नेचुरल डायमंड बनाम लैब-ग्रोन डायमंड: आर्टिफिशियल डायमंड न केवल नेचुरल डायमंड की तुलना में सस्ते हैं, बल्कि उनका रखरखाव भी आसान है।
- बदलती प्राथमिकताएं: उपभोक्ता अब सस्ती और टिकाऊ विकल्पों की ओर झुक रहे हैं, जिससे भारतीय नेचुरल डायमंड इंडस्ट्री पर दबाव बढ़ गया है।
गौतम अडानी का 10 साल पुराना अनुभव
अपने भाषण में गौतम अडानी ने एक 10 साल पुराना किस्सा साझा किया, जब उन्होंने कैलिफोर्निया में पहली बार एक लैब-ग्रोन डायमंड देखा था। इसे देखने वाले वैज्ञानिक ने उस समय कहा था कि आने वाले समय में यह टेक्नोलॉजी ज्वैलरी इंडस्ट्री में क्रांति लाएगी।
डायमंड इंडस्ट्री के लिए गौतम अडानी के तीन मंत्र
गौतम अडानी ने भारतीय डायमंड इंडस्ट्री को यथास्थिति से उबरने और नई ऊंचाई हासिल करने के लिए तीन प्रमुख मंत्र सुझाए:
1. टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को अपनाना
उन्होंने कहा कि:
- टेक्नोलॉजी के बिना ज्वैलरी में इनोवेशन संभव नहीं।
- युवाओं की बदलती प्राथमिकताओं को समझते हुए, स्मार्ट वॉच और स्मार्टफोन जैसे नए स्टेटस सिंबल को ध्यान में रखकर उत्पाद बनाने होंगे।
2. वर्कफोर्स को एम्पावर और री-स्किल करना
- कारीगर और वर्कफोर्स इंडस्ट्री की रीढ़ हैं।
- उन्हें नई तकनीक और इनोवेशन के लिए प्रशिक्षित किए बिना इंडस्ट्री आगे नहीं बढ़ सकती।
3. युवाओं पर भरोसा करना
- इंडस्ट्री को नई ऊर्जावान सोच की जरूरत है।
- युवाओं को जिम्मेदारी देकर इंडस्ट्री को नया दृष्टिकोण मिलेगा।
निष्कर्ष
जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स के इस आयोजन ने भारतीय डायमंड इंडस्ट्री की चुनौतियों और संभावनाओं पर सार्थक चर्चा का मंच प्रदान किया। गौतम अडानी के विचार और तीन मंत्र इंडस्ट्री को नई दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
आर्टिफिशियल डायमंड के बढ़ते चलन और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के बीच, टेक्नोलॉजी, वर्कफोर्स री-स्किलिंग, और युवाओं की भागीदारी इस सेक्टर को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। भारतीय डायमंड इंडस्ट्री यदि इन चुनौतियों को अवसर में बदलने में सफल होती है, तो यह न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी साख को और मजबूत करेगी।