Donald Trump News: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के निदेशक पद के लिए नामित किया है। यह कदम भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पटेल इस पद पर पहुंचने वाले सबसे ऊंची रैंक के भारतीय-अमेरिकी होंगे। इसके साथ ही, ट्रंप ने न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट डेवलपर चार्ल्स कुशनर को फ्रांस में राजदूत के रूप में नियुक्त किया है।
‘अमेरिका को प्राथमिकता देने वाले योद्धा’
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर काश पटेल की प्रशंसा करते हुए लिखा, “काश पटेल एफबीआई के अगले निदेशक के रूप में उत्कृष्ट काम करेंगे। वह एक बेहतरीन वकील और जांचकर्ता हैं। अपने करियर में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और अमेरिका की रक्षा की है।”
पहले कार्यकाल में अहम भूमिका
ट्रंप ने काश पटेल के पिछले योगदानों का जिक्र करते हुए कहा, “मेरे पहले कार्यकाल में पटेल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक और आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ निदेशक के रूप में काम किया था। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रशासन के पक्ष में 60 से अधिक अदालत की सुनवाई में भाग लिया था।”
गुजरात से जुड़ाव
काश पटेल का जन्म 25 फरवरी, 1980 को न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ था। उनके माता-पिता गुजरात से संबंध रखते हैं, हालांकि वे तंजानिया और युगांडा से होते हुए अमेरिका पहुंचे। पटेल ने रिचमंड विश्वविद्यालय से स्नातक और पेस यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 2017 में ट्रंप प्रशासन के अंतिम महीनों में कार्यवाहक रक्षा मंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया था।
FBI की आलोचना और नए बदलावों का वादा
काश पटेल बाइडेन प्रशासन के दौरान एफबीआई की खुफिया कार्यप्रणाली के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्होंने एजेंसी की भूमिका में सुधार और बदलाव की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो अधिकारी ट्रंप के एजेंडे का समर्थन नहीं करते, उन्हें हटाया जाना चाहिए।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए प्रेरणा
काश पटेल की यह नियुक्ति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी नियुक्ति न केवल समुदाय की प्रतिभा को मान्यता देती है, बल्कि अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है।
यह निर्णय अमेरिका के प्रशासनिक ढांचे में भारतीय-अमेरिकी योगदान की एक और मिसाल पेश करता है। काश पटेल की यात्रा यह सिद्ध करती है कि कड़ी मेहनत और समर्पण के जरिए बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।