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Border-Gavaskar Trophy:बुमराह के नाम पर रोहित के साथ हो रही है बड़ी 'साजिश'

Border-Gavaskar Trophy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर 14 दिसंबर से खेला जाएगा. इस मुकाबले से पहले लगातार कप्तान रोहित शर्मा

Border-Gavaskar Trophy: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा इन दिनों आलोचनाओं के घेरे में हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी कप्तानी और प्रदर्शन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। एडिलेड में दूसरे टेस्ट की हार और गाबा टेस्ट से पहले उठे विवादों ने रोहित के नेतृत्व को कटघरे में ला खड़ा किया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटरों ने खासतौर पर उनकी रणनीतियों को निशाने पर लिया है।

एडिलेड की हार और कप्तानी पर सवाल

रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच बतौर कप्तान खेला, लेकिन टीम को 10 विकेट की करारी हार का सामना करना पड़ा। दोनों पारियों में रोहित का बल्ला खामोश रहा, और उनके फैसलों पर भी आलोचना हुई। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर साइमन कैटिच ने रोहित की कप्तानी को बुमराह की कप्तानी से कमजोर बताया।

कैटिच ने अपने पॉडकास्ट में कहा, "पर्थ में बुमराह की कप्तानी शानदार थी। उन्होंने गेंदबाजों का सही इस्तेमाल किया, और गेंदबाजी की लाइन-लेंग्थ परफेक्ट थी। इसके विपरीत, एडिलेड में रोहित शर्मा ने गेंदबाजों को 7-8 मीटर की लेंग्थ पर गेंदबाजी करने दी, जो विकेट लेने के लिए सही नहीं थी। रोहित को मैदान पर अधिक सक्रिय होकर गेंदबाजों से बात करनी चाहिए थी।"

बुमराह बनाम रोहित: तुलना का विवाद

कैटिच जैसे दिग्गजों ने बुमराह की कप्तानी को रोहित से बेहतर बताया है, जिससे भारतीय क्रिकेट में एक नई बहस छिड़ गई है। बुमराह ने हाल ही में पर्थ में अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को जीत दिलाई थी, और उनकी आक्रामक रणनीतियों की जमकर तारीफ हुई। हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या सिर्फ एक हार के आधार पर रोहित को कमजोर कप्तान कहना सही है?

रोहित शर्मा के समर्थन में तर्क

रोहित शर्मा के आलोचकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने टी20 विश्व कप जीतने समेत कई बड़े टूर्नामेंट में भारतीय टीम को सफलता दिलाई है। उनकी कप्तानी का लोहा दुनिया मानती है। रोहित ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस को रिकॉर्ड पांच बार चैंपियन बनाया है, जो उनकी रणनीतिक समझ और नेतृत्व क्षमता को साबित करता है।

क्या यह ऑस्ट्रेलिया की साजिश है?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह सबकुछ ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों की मानसिक खेल (माइंड गेम) का हिस्सा हो सकता है। रोहित शर्मा पर दबाव बनाकर ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय ड्रेसिंग रूम में अस्थिरता पैदा करना चाहती है। इतिहास गवाह है कि ऑस्ट्रेलिया ऐसी रणनीतियों का इस्तेमाल पहले भी कर चुका है।

आगे की राह

गाबा में होने वाले टेस्ट से पहले यह जरूरी है कि रोहित शर्मा अपने आलोचकों को शांत करें और मैदान पर अपने प्रदर्शन से जवाब दें। भारतीय टीम को भी अपने कप्तान पर पूरा भरोसा जताना होगा।

क्रिकेट एक खेल है जिसमें जीत और हार दोनों होती हैं। किसी एक मैच के नतीजे से कप्तान की काबिलियत पर सवाल उठाना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि यह टीम के मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि रोहित इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और अपनी नेतृत्व क्षमता को एक बार फिर साबित करते हैं।

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