Border-Gavaskar Trophy: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला टेस्ट मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ में खेला जाएगा। सीरीज शुरू होने से पहले भारतीय टीम को दो बड़े झटके लगे हैं। नियमित कप्तान रोहित शर्मा और युवा बल्लेबाज शुभमन गिल पहले टेस्ट में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। रोहित अपने दूसरे बच्चे के जन्म के बाद से ऑस्ट्रेलिया नहीं गए हैं, जबकि शुभमन गिल चोट के कारण बाहर हो गए हैं। इन दोनों अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी भारतीय टीम के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, क्योंकि ये दोनों ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियों से भली-भांति परिचित थे और पहले भी वहां शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं।
अनुभवहीन खिलाड़ियों से घिरी टीम इंडिया
भारतीय टेस्ट टीम में इस बार 8 ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कभी टेस्ट मैच नहीं खेला है। इनमें से तीन खिलाड़ियों—अभिमन्यु ईश्वरन, नीतिश रेड्डी और हर्षित राणा—ने अब तक टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू भी नहीं किया है। टीम मैनेजमेंट के लिए यह एक बड़ी चिंता है, क्योंकि सीमित अनुभव वाले खिलाड़ियों के साथ खेलना ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ जोखिम भरा हो सकता है।
पहली बार खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए बड़ी परीक्षा
अभिमन्यु ईश्वरन, जो घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म में रहे हैं, को पहले टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिल सकता है। उन्होंने अब तक 101 प्रथम श्रेणी मैचों में 7674 रन बनाए हैं, जिसमें 27 शतक शामिल हैं। वह यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
इसके अलावा, ध्रुव जुरेल, आकाश दीप और हर्षित राणा को भी प्लेइंग इलेवन में जगह मिलने की संभावना है। इन खिलाड़ियों के पास सीमित अनुभव है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने का यह सुनहरा मौका होगा।
दोनों टीमों के बीच ऐतिहासिक आंकड़े
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक कुल 107 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमें से 32 में भारत ने जीत दर्ज की है, जबकि 45 में ऑस्ट्रेलिया ने बाजी मारी है। 29 मैच ड्रॉ रहे हैं, जबकि एक मुकाबला टाई पर समाप्त हुआ है। पर्थ में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड हमेशा मजबूत रहा है, जो भारत के लिए चुनौती को और बढ़ाता है।
सेलेक्टर्स के फैसले पर उठ सकते हैं सवाल
सेलेक्टर्स ने अनुभवहीन खिलाड़ियों को मौका देकर साहसिक कदम उठाया है। लेकिन अगर ये खिलाड़ी प्रदर्शन करने में असफल रहते हैं, तो टीम की हार के साथ-साथ चयन प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
रोहित-गिल की गैरमौजूदगी का असर
रोहित शर्मा और शुभमन गिल के बाहर होने से भारतीय बल्लेबाजी क्रम कमजोर नजर आ रहा है। रोहित की कप्तानी और गिल की तकनीकी दक्षता टीम के लिए अहम थीं। इनकी अनुपस्थिति में भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसा रहेगा, यह देखने वाली बात होगी।
क्या कर पाएंगे युवा खिलाड़ी कमाल?
भारतीय टीम के लिए इस सीरीज में युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद महत्वपूर्ण होगा। सीमित अनुभव के बावजूद, यह उनके लिए खुद को साबित करने का एक बड़ा मंच है। अगर ये खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे उतरते हैं, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।
पहले टेस्ट में भारत की प्लेइंग इलेवन का चयन और रणनीति सीरीज के परिणाम को काफी हद तक प्रभावित करेंगे। ट्रॉफी को अपने नाम करने के लिए टीम इंडिया को हर विभाग में अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।