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Haryana New Government:6 दलबदलू, बेटे-बेटियों को भी तरजीह.. नायब सरकार का लेखा-जोखा

Haryana New Government: नायब सिंह की सरकार में 6 दलबदलुओं को जगह दी गई है. दो तो ऐसे हैं, जो चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. संघ के बैकग्राउंड वाले

Haryana New Government: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने हाल ही में अपना मंत्रिमंडल फाइनल किया है, जिसमें मुख्यमंत्री समेत कुल 14 नेताओं को शामिल किया गया है। यह मंत्रिमंडल राजनीतिक दृष्टिकोण से खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कई दलबदलुओं और परिवारवाद को जगह दी गई है। नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में 13 मंत्रियों में से 6 नेता ऐसे हैं, जिन्होंने हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है, और इनमें से 2 नेता तो चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे।

दलबदलुओं को कैबिनेट में मिली तवज्जो

सरकार में शामिल दलबदलुओं की बात करें तो अरविंद शर्मा, राव नरवीर, आरती राव, श्याम सिंह राणा, रणवीर गंगवा और श्रुति चौधरी प्रमुख नाम हैं। इन नेताओं ने अपने-अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अलग-अलग पार्टियों से की थी, लेकिन समय के साथ बदलते समीकरणों के कारण ये बीजेपी में शामिल हो गए।

अरविंद शर्मा कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले नेता हैं। वह 2019 में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को हराकर सुर्खियों में आए थे, लेकिन 2024 में दीपेंद्र ने उन्हें पराजित किया था। इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और गोहना सीट से जीत हासिल की। अरविंद शर्मा को ब्राह्मण कोटे से कैबिनेट में शामिल किया गया है।

राव नरवीर दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता हैं, जो विभिन्न दलों जैसे लोकदल, कांग्रेस, हरियाणा विकास पार्टी और बीएसपी का हिस्सा रह चुके हैं। उन्हें अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत का विरोधी माना जाता है, और इस राजनीतिक संतुलन को साधने के लिए उन्हें यादव कोटे से मंत्री बनाया गया है।

आरती राव राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं, जो अटेली से विधायक चुनी गई हैं। उन्हें कैबिनेट में शामिल करने का उद्देश्य उनके पिता राव इंद्रजीत को साधना है, जो मुख्यमंत्री पद की रेस में भी शामिल थे।

श्याम सिंह राणा राजपूत कोटे से कैबिनेट में आए हैं और चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। यमुनानगर से विधायक चुने गए राणा का राजनीतिक सफर इनेलो और अन्य पार्टियों से जुड़ा रहा है।

रणवीर गंगवा इनेलो से बीजेपी में आए और हिसार की बरवाला सीट से विधायक बने। गंगवा को क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर कैबिनेट में शामिल किया गया है।

श्रुति चौधरी चौधरी बंसीलाल की पोती और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी हैं। श्रुति चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में आईं और जाट समुदाय को साधने के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया है।

परिवारवाद को मिली प्राथमिकता

इस सरकार में परिवारवाद की झलक भी स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। श्रुति चौधरी और आरती राव के अलावा, राजेश नागर को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। राजेश नागर हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता रूप स्वरूप नागर के बेटे हैं। इसके अलावा, कई अन्य मंत्री भी राजनीतिक परिवारों से आते हैं, जो यह दर्शाता है कि नायब सिंह सैनी की सरकार में परिवारवाद को महत्वपूर्ण माना गया है।

सभी समुदायों को साधने की कोशिश

इस कैबिनेट में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा गया है। 2 ब्राह्मण, 2 दलित, 2 जाट, 2 यादव के साथ-साथ राजपूत, गुर्जर, सैनी, गंगवा, पंजाबी और वैश्य समुदाय के एक-एक मंत्री को भी शामिल किया गया है।

संघ के नेताओं की मौजूदगी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े नेताओं को भी मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। महिपाल ढांडा, गौरव गौतम और अनिल विज संघ के कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी संघ के कैडर से आए हैं। इनके अलावा, कृष्ण लाल पंवार, कृष्णा बेदी और विपुल गोयल भी बीजेपी की राजनीति से जुड़ी अहम शख्सियतें हैं, जिन्हें कैबिनेट में जगह दी गई है।

निष्कर्ष

नायब सिंह सैनी की सरकार का मंत्रिमंडल कई मायनों में विविध और संतुलित है। इसमें परिवारवाद, दलबदल और विभिन्न जातीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा गया है। बीजेपी ने हरियाणा के राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए सामरिक तरीके से मंत्रियों का चयन किया है।

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