Delhi Air Pollution: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और इसके गंभीर प्रभावों को देखते हुए, राजधानी में सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 21 नवंबर से दिल्ली सरकार के कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (WFH) की सुविधा दी गई है। यह निर्णय ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 के तहत लिया गया है, जो प्रदूषण के गंभीर स्तर पर लागू किया जाता है।
सरकारी और निजी क्षेत्रों के लिए निर्देश
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी कि सरकारी कार्यालयों, दिल्ली नगर निगम (MCD), और अन्य एजेंसियों में लगभग 1.4 लाख कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से आधे कर्मचारी अब घर से काम करेंगे। इसके अलावा, प्राइवेट कंपनियों को भी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ऑफिस संचालित करने की सलाह दी गई है।
मंत्री ने प्राइवेट सेक्टर से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि उद्योग और व्यवसाय भी इसी तरह के कदम उठाकर प्रदूषण नियंत्रण में मदद कर सकते हैं।
बस सेवाओं और ऑफिस टाइमिंग में बदलाव के सुझाव
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गोपाल राय ने सुझाव दिया कि बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए बस सेवाएं शुरू करें। इसके साथ ही, उन्होंने ऑफिस टाइमिंग को बदलने पर भी जोर दिया। राय के अनुसार, ऑफिस का समय सुबह 10:30 से 11:00 के बीच करने से ट्रैफिक के दबाव और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
दिल्ली में प्रदूषण का वर्तमान स्तर
दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 426 दर्ज किया गया, जो "गंभीर" श्रेणी में आता है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि कई श्वसन और हृदय संबंधी समस्याओं को भी बढ़ावा देता है। प्रदूषण के अलावा, दिल्ली में बुधवार रात इस मौसम की सबसे ठंडी रात भी दर्ज की गई।
सरकार का प्रयास और जनता से अपील
दिल्ली सरकार का मानना है कि वर्क फ्रॉम होम जैसी पहलें वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में सहायक होंगी। गोपाल राय ने कहा, "हम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।"
जनता से भी अपील की गई है कि वे निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करें और सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। इसके साथ ही, निर्माण कार्यों और उद्योगों को नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है ताकि प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके।
निष्कर्ष:
दिल्ली सरकार द्वारा लिया गया यह कदम प्रदूषण नियंत्रण में एक सकारात्मक पहल है। यदि निजी क्षेत्र और आम जनता भी इस दिशा में योगदान करते हैं, तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है।