भाजपा नेता और धौलपुर के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार शाम 4:15 बजे एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 2 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
कोर्ट से जेल तक आधा किलोमीटर पैदल यात्रा
सरेंडर के बाद पुलिस ने मलिंगा को कोर्ट से कोतवाली थाने तक आधा किलोमीटर पैदल लेकर गई। इसके बाद उन्हें पुलिस वाहन में बैठाकर धौलपुर जेल ले जाया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरेंडर
करीब ढाई साल पुराने एईएन-जेईएन मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर को मलिंगा को 14 दिन के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम और अरविंद कुमार की बेंच ने उनकी जमानत पर रोक हटाने के साथ यह आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरेंडर के चार सप्ताह बाद मामले की सुनवाई होगी।
मारपीट का मामला और विधायक रहते आरोप
यह मामला 28 मार्च 2022 का है, जब बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में AEN हर्षदापति और JEN नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की गई। इस घटना में तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा और अन्य पर आरोप लगे। अगले दिन AEN हर्षदापति ने मलिंगा और अन्य के खिलाफ मारपीट, राजकार्य में बाधा, और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया।
घटना के बाद 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का तबादला कर दिया गया था। इस घटना ने बिजली विभाग के इंजीनियरों और कर्मचारियों में आक्रोश पैदा कर दिया था।
पहले भी कर चुके हैं सरेंडर
मारपीट की घटना के बाद 11 मई 2022 को मलिंगा ने जयपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर किया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 17 मई को जमानत दे दी थी।
राजनीतिक सफर और पार्टी बदलने का सिलसिला
गिर्राज सिंह मलिंगा ने 2008 में पहली बार बसपा के टिकट पर बाड़ी विधानसभा सीट से जीत हासिल की। बाद में उन्होंने कांग्रेस जॉइन की और 2013 और 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने बीजेपी जॉइन कर चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा के जसवंत सिंह गुर्जर से हार गए।
घटना से जुड़ी प्रमुख बातें
- AEN हर्षदापति कांग्रेस नेता कैप्टन मुकेश वाल्मीकि के बेटे हैं, जिन्होंने 2003 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
- इस घटना के बाद तत्कालीन DGP एम.एल. लाठर ने बाड़ी डीएसपी बाबूलाल मीणा और कोतवाल विजय कुमार मीणा को निलंबित कर दिया था।