Kolkata Rape-Murder Case: हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक बड़ा सख्त कदम उठाया गया है। राज्य चिकित्सा परिषद ने दो प्रमुख डॉक्टरों, डॉ. बिरुपाक्ष विश्वास और डॉ. अभिक डे को निलंबित कर दिया है। इन दोनों डॉक्टरों पर आरोप है कि वे विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे और दादागिरी कर रहे थे। विशेष रूप से, डॉ. अभिक डे के बारे में यह जानकारी मिली है कि वे 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सक्रिय थे, जिसने इन आरोपों को और भी गंभीर बना दिया है।
डॉ. संदीप घोष के रजिस्ट्रेशन पर संकट
डॉक्टरों द्वारा उठाए गए मुद्दों के बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल, डॉ. संदीप घोष के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। डॉ. घोष को 72 घंटे के अंदर एक स्पष्ट और उचित जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि वे इस समय सीमा के भीतर उचित जवाब नहीं देते हैं, तो उनके मेडिकल लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है। यह कदम अस्पताल की आंतरिक गड़बड़ियों और उनकी भूमिका को लेकर गंभीर चिंता का प्रतीक है।
ईडी की छापेमारी ने हालात को और सख्त किया
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी छापेमारी की थी। ईडी की टीम ने शुक्रवार को कोलकाता में कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और उनके सहयोगियों के ठिकाने शामिल थे। छापेमारी की गई जगहों में संदीप घोष के करीबी सहयोगी कौशिक कोले, प्रसून चटर्जी, और बिल्पब सिंह के घर शामिल थे।
इस छापेमारी में यह स्पष्ट हुआ कि संदीप घोष और उनके सहयोगी करप्शन और अन्य अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे हैं। सीबीआई पहले ही इस मामले की जांच कर रही है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। विशेष रूप से, संदीप घोष और बिप्लब सिंह सहित चार लोगों को सीबीआई ने पहले ही हिरासत में लिया है।
सारांश
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उठे इस घमासान ने मेडिकल क्षेत्र में त्वरित सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है। डॉ. बिरुपाक्ष विश्वास और डॉ. अभिक डे की निलंबन, डॉ. संदीप घोष की रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग और ईडी की छापेमारी, सभी घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। यह स्थिति अस्पताल के भविष्य और चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रश्न उठाती है।