Trumps Cabinet News: डोनाल्ड ट्रंप ने अभी आधिकारिक रूप से अमेरिका की सत्ता नहीं संभाली है, लेकिन उनकी संभावित नीतियों और कैबिनेट के सदस्यों ने चीन में पहले ही हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों और नीति सलाहकारों का मानना है कि ट्रंप के नेतृत्व में चीन-अमेरिका संबंधों में और अधिक तनाव आ सकता है।
चीन में हड़कंप क्यों?
चीन के नीति सलाहकारों का मानना है कि ट्रंप की नई टीम में शामिल चर्चित नाम, जैसे कि अरबपति एलन मस्क और भारतीय मूल के व्यवसायी विवेक रामास्वामी, चीन के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।
एलन मस्क और चीन के बीच विवाद
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक हाल के दिनों में चीन के खिलाफ आर्थिक और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है। चीन ने ब्राजील के साथ एक समझौते के तहत अपनी स्पेस सेल कंपनी को मस्क की कंपनी के खिलाफ खड़ा कर दिया है। ऐसे में ट्रंप प्रशासन में एलन मस्क की मौजूदगी इस टकराव को और बढ़ा सकती है।
विवेक रामास्वामी का प्रभाव
विवेक रामास्वामी, जिन्हें डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का नेतृत्व सौंपा गया है, सरकारी नियमों को सरल बनाने और कर्मचारियों की संख्या घटाने के समर्थक हैं। उनकी इन नीतियों का अप्रत्यक्ष प्रभाव चीन-अमेरिका व्यापार समझौतों और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ सकता है।
चीन को क्यों है ट्रंप 2.0 से डर?
ट्रेड वॉर का नया दौर:
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीनी उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला था। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार वह और कठोर कदम उठा सकते हैं, जैसे कि चीनी उत्पादों पर 60% आयात शुल्क।दक्षिण चीन सागर और ताइवान पर तनाव:
ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका का ध्यान दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट में चीन के आक्रामक रवैये को काउंटर करने पर रहेगा। इससे दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना है।तकनीकी और आर्थिक टकराव:
एलन मस्क और विवेक रामास्वामी जैसे लोग अमेरिकी तकनीकी कंपनियों को चीन से होने वाले नुकसान की भरपाई करने की योजना पर काम करेंगे।
चीन की रणनीतिक चिंताएं और उपाय
चीन के नीति सलाहकार झेंग योंगनियान ने जिनपिंग सरकार को सतर्क करते हुए कहा है कि अमेरिका की अधिक कुशल राजनीतिक प्रणाली चीन पर दबाव बढ़ा सकती है। झेंग ने सुझाव दिया कि चीन को ट्रंप कैबिनेट के खिलाफ रणनीतिक उपाय पहले से तैयार करने होंगे।
भविष्य की संभावनाएं
डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में चीन और अमेरिका के बीच तनाव कई स्तरों पर बढ़ सकता है:
- आर्थिक मोर्चे पर: व्यापारिक नीतियों को लेकर चीन को बड़ा नुकसान हो सकता है।
- राजनीतिक क्षेत्र में: ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका का सख्त रवैया चीन के लिए चुनौती बनेगा।
- तकनीकी प्रतिस्पर्धा: एलन मस्क और उनकी कंपनी चीन को कड़ी टक्कर देने के लिए अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखेंगे।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी ने चीन के नीति निर्माताओं के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। उनकी टीम के सदस्य, विशेष रूप से एलन मस्क और विवेक रामास्वामी, चीन के आर्थिक और तकनीकी प्रभुत्व को चुनौती दे सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि 20 जनवरी के बाद ट्रंप 2.0 के शासन में अमेरिका-चीन संबंध किस दिशा में बढ़ते हैं।